सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं पत्नी गीतांजलि, NSA लगाने पर उठाए सवाल
Sonam Wangchuk Arrest: लद्दाख में हालिया हिंसा और प्रदर्शनों के बीच पर्यावरणविद सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी को चुनौती दी है. उन्होंनें कहा है कि वांगचुक पर NSA लगाना पूरी तरह गलत है.

Sonam Wangchuk Arrest: लद्दाख में हाल ही में हुए जेन-ज़ी प्रोटेस्ट और हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए पर्यावरणविद और समाजसेवी सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने उनकी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने अपनी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा कि वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाना पूरी तरह अनुचित है और उनकी तत्काल रिहाई होनी चाहिए.
गीतांजलि आंगमो का कहना है कि गिरफ्तारी के इतने दिनों बाद भी उन्हें अपने पति से मिलने या संपर्क करने का मौका नहीं मिला है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब तक उन्हें हिरासत आदेश की प्रति तक उपलब्ध नहीं कराई गई, जो नियमों का खुला उल्लंघन है. याचिका में उन्होंने अदालत से अपील की है कि सोनम वांगचुक को तुरंत सामने लाया जाए और उनकी रिहाई सुनिश्चित की जाए.
#WATCH | On her letter addressed to the President, PM, and Law Minister, Climate activist Sonam Wangchuk’s wife, Gitanjali Angmo, says, "I have not recieved any response till now. I cited that he should be immediately released because his detention is illegal. He is not a threat… https://t.co/cUivYvLkcN pic.twitter.com/rp3NnPoOPs
— ANI (@ANI) October 3, 2025
हिरासत आदेश की कॉपी तक नहीं मिली: गीतांजलि
गीतांजलि आंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में स्पष्ट किया कि उन्हें अभी तक वांगचुक के हिरासत आदेश की कॉपी नहीं दी गई है. उन्होंने इसे गंभीर प्रक्रिया का उल्लंघन बताते हुए कहा कि गिरफ्तारी के बाद से उनका अपने पति से कोई संपर्क नहीं हुआ है.
याचिका में दावा किया गया है कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी बिना किसी वैध आधार के की गई है. जांच एजेंसियों की ओर से कोई ठोस कारण या साक्ष्य सामने नहीं रखा गया है. गीतांजलि का कहना है कि उन्हें इस बात की भी जानकारी नहीं है कि वांगचुक किस हालत में हैं और कहां रखे गए हैं.
हिंसा भड़काने के आरोप खारिज
गीतांजलि आंगमो ने साफ कहा कि सोनम वांगचुक पर युवाओं को उकसाकर हिंसा भड़काने का आरोप बेबुनियाद है. उन्होंने बताया कि वांगचुक ने तो हिंसा रोकने के लिए अपना उपवास भी समाप्त किया था और झड़पों की निंदा भी की थी. यहां तक कि हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों ने भी कहा था कि इन घटनाओं में सोनम वांगचुक की कोई गलती नहीं थी.
जारी रहेगी कानूनी लड़ाई
गीतांजलि ने दोहराया कि वह न्याय पाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाएंगी. उन्होंने आरोप लगाया कि जिम्मेदार अधिकारी नजरबंदी आदेश की जानकारी भी साझा नहीं कर रहे हैं. फिलहाल, प्रशासन ने सोनम वांगचुक को राजस्थान की जोधपुर केंद्रीय कारा में रखा है, जहां उनकी मेडिकल जांच और सीसीटीवी कैमरों के जरिए कड़ी निगरानी की जा रही है.


