नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया और राहुल गांधी की बढ़ी मुश्किलें, दर्ज हुई नई FIR...2000 करोड़ रुपये से जुड़ा है मामला
नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित आठ लोगों और तीन कंपनियों के खिलाफ नई FIR दर्ज की है. आरोप है कि आपराधिक साजिश के तहत Young Indian ने केवल ₹50 लाख में करीब ₹2,000 करोड़ की संपत्ति वाली AJL पर नियंत्रण हासिल किया.

नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड से जुड़े लंबे समय से विवादित मामले में एक बार फिर बड़ा मोड़ आया है. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने हाल ही में नई FIR दर्ज की है, जिसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मुख्य आरोपियों में शामिल किया गया है. यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा भेजी गई शिकायत के आधार पर हुई है, जिसमें एजेंसी ने अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपते हुए बताया कि इस मामले में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं और आपराधिक साजिश की आशंका है.
50 लाख चुकाकर 2,000 करोड़ की संपत्ति पर नियंत्रण
Dotex कंपनी की वित्तीय लेन-देन पर संदेह
FIR में Dotex Merchandise Pvt. Ltd. नाम की कोलकाता स्थित कंपनी को भी आरोपी बनाया गया है. यह कंपनी कथित तौर पर एक “शेल कंपनी” मानी जा रही है, जिसके माध्यम से Young Indian को एक करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी. आरोप यह है कि Dotex से प्राप्त राशि ने AJL पर Young Indian का कब्जा मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जांच एजेंसियों का मानना है कि यह राशि सिर्फ एक औपचारिक लेन-देन नहीं, बल्कि पूरे नियंत्रण परिवर्तन की प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा थी.
आठ व्यक्तियों और 3 कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज
नई FIR में Sonia Gandhi, Rahul Gandhi, Sam Pitroda सहित कुल आठ व्यक्तियों को नामजद किया गया है. इसके साथ तीन कंपनियां AJL, Young Indian और Dotex भी आरोपी के रूप में शामिल हैं. FIR में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात और अवैध संपत्ति हस्तांतरण से संबंधित धाराएँ लगाई गई हैं, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है.
राजनीतिक और कानूनी माहौल पर असर
इस FIR ने राष्ट्रीय राजनीति में फिर से तेजी ला दी है. मामला कांग्रेस नेतृत्व से सीधे जुड़ा होने के कारण राजनीतिक प्रतिक्रिया तीव्र होने की संभावना है. दूसरी ओर, जांच एजेंसियाँ अब और गहराई से वित्तीय रिकॉर्ड, दस्तावेज, शेयर होल्डिंग पैटर्न और लेन-देन की जांच में जुट सकती हैं. आने वाले दिनों में यह मामला कानूनी मोर्चे पर बड़े टकराव और राजनीतिक बहस का केंद्र बनने वाला है.


