score Card

Tejas की ताकत हुई दोगुनी, Indian Air Force को अमेरिका से मिला दूसरा GE-404 इंजन

भारत की स्वदेशी रक्षा ताकत को एक और बड़ी मजबूती मिली है. सोमवार को भारत को अमेरिका से दूसरा GE-404 इंजन मिला है, जिसे देश की अत्याधुनिक और महत्वाकांक्षी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस मार्क-1ए परियोजना के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. इस इंजन की आपूर्ति हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को की गई है, जो भारत की अग्रणी रक्षा निर्माण कंपनी है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

भारत को सोमवार को अमेरिका से दूसरा GE-404 इंजन प्राप्त हुआ, जो कि देश की महत्वाकांक्षी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस मार्क-1ए परियोजना के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है. यह उन्नत इंजन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंपा गया है, जो कि इन्हें तेजस विमानों में जोड़ने का काम करेगा. रक्षा अधिकारियों के अनुसार, HAL को मार्च 2026 तक अमेरिका से ऐसे कुल 14 इंजन मिलेंगे, जिनमें से दो पहले ही भारत पहुंच चुके हैं.

83 विमानों के बाद 97 और की तैयारी

भारतीय वायुसेना (IAF) पहले ही HAL को 83 तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का पक्का ऑर्डर दे चुकी है. इसके साथ ही, रक्षा मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त एक और प्रस्ताव के तहत 97 और विमानों की खरीद प्रक्रिया अंतिम चरण में है. यह पूरी योजना भारत की आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति को मजबूती देती है, जहां अत्याधुनिक तकनीक से लैस स्वदेशी विमान भारतीय वायुसीमा की रक्षा करेंगे.

2024 की शुरुआत में मिला था पहला इंजन

इससे पहले 2024 की शुरुआत में अमेरिका की GE Aerospace कंपनी ने HAL को पहला F404-IN20 इंजन सौंपा था. HAL इन इंजनों को तेजस मार्क-1ए विमान में लगाकर, वायुसेना को पहली खेप में 10 से अधिक विमान सौंपने की योजना पर काम कर रही है. हाल ही में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने बेंगलुरु स्थित HAL की यूनिट का दौरा कर तेजस मार्क-1ए और भविष्य की तेजस मार्क-2 परियोजना की समीक्षा भी की थी.

400 से अधिक तेजस तैयार करेगा भारत

तेजस मार्क-2 को अगले दशक के मध्य यानी करीब 2035 तक वायुसेना के पुराने हो चुके विमानों जैसे मिराज 2000, जगुआर और मिग-29 का विकल्प बनाने की तैयारी है. रक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत 400 से अधिक तेजस विमान तैयार करेगा, जिनमें GE के उन्नत इंजनों का इस्तेमाल किया जाएगा.

2021 में हुआ था 716 मिलियन डॉलर का सौदा

भारत और जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के बीच 2021 में 716 मिलियन डॉलर का समझौता हुआ था, जिसके तहत भारत को कुल 99 F404-IN20 इंजन मिलने हैं. हालांकि, यह डिलीवरी समय पर पूरी नहीं हो पाई क्योंकि दुनियाभर में सप्लाई चेन में आई बाधाओं और दक्षिण कोरिया के एक पुर्ज़ा आपूर्तिकर्ता की देरी ने योजना को प्रभावित किया. अब नए शेड्यूल के अनुसार, सभी इंजनों की डिलीवरी मार्च 2026 तक पूरी हो जाएगी.

तेजस मार्क-1A, अगली पीढ़ी का लड़ाकू विमान

तेजस मार्क-1ए पुराने तेजस मार्क-1 से कहीं ज्यादा उन्नत और आधुनिक है. इसका सबसे अहम फीचर है इसका AESA रडार सिस्टम, जिसे इजरायली ELM-2052 तकनीक पर आधारित बनाया गया है. यह रडार एक साथ कई लक्ष्यों को लंबे दायरे में ट्रैक कर सकता है, और इलेक्ट्रॉनिक जामिंग या बाधित वातावरण में भी प्रभावी ढंग से काम करता है.

इस विमान में नया डिजिटल कॉकपिट, स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFDs) और एक अत्याधुनिक डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A) भी लगाया गया है, जो विमान को उच्च गति और ऊंचाई पर बेहतर संतुलन और नियंत्रण देता है.

PAK के JF-17 Block III को देगा टक्कर

तेजस मार्क-1ए की यह क्षमताएं इसे पाकिस्तान के चीन समर्थित JF-17 Block III जैसे आधुनिक विमानों के मुकाबले खड़ा करती हैं. खासतौर पर लद्दाख और पूर्वोत्तर जैसे जटिल और रणनीतिक इलाकों में यह विमान भारतीय वायुसेना को बेहतर बढ़त और त्वरित प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाएगा.

रक्षा क्षेत्र में मजबूत और निर्णायक कदम

तेजस मार्क-1ए भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की दिशा में एक मजबूत और निर्णायक कदम है. GE इंजनों की नियमित डिलीवरी और HAL की निरंतर प्रगति यह संकेत देती है कि आने वाले समय में भारत न केवल अपनी वायुसेना को उन्नत बनाएगा, बल्कि रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में वैश्विक मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरेगा.

calender
15 July 2025, 06:10 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag