सत्य के प्रकाश से 500 साल बाद जगमगाएगी अयोध्या, सदियों के संघर्ष के बाद आस्था की जीत को लेकर बोले योगी आदित्यनाथ
Ayodhya Deepotsav 2025: दिवाली के इस शुभ मौके पर लाखों दीयों का रोशनी से सारी अयोध्या नगरी जगमगा रही है। सरयू तट पर आयोजित दीपोत्सव के नौवें संस्करण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परंपरा, आस्था और इतिहास का संगम दिखाते हुए कहा कि “सदियों के संघर्ष के बाद आज अयोध्या में सत्य का प्रकाश फिर से प्रज्वलित हुआ है

Ayodhya Deepotsav 2025: योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव 2025 को संबोधित करते हुए कई बड़ी बातें कही हैं. अयोध्या एक बार फिर लाखों दीयों की रोशनी से जगमगा उठी है. सरयू तट पर आयोजित दीपोत्सव के नौवें संस्करण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परंपरा, आस्था और इतिहास का संगम दिखाते हुए कहा कि “सदियों के संघर्ष के बाद आज अयोध्या में सत्य का प्रकाश फिर से प्रज्वलित हुआ है.”
इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर दीप हमें याद दिलाता है कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता है. बता दें कि हर साल की तरह इस साल भी अयोध्या नगरी को भव्य और शानदार तरीके से सजाया गया है. इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव को संबोधित करते हुए कई बड़ी बातें कहीं हैं.
कैसे हुई दीपोत्सव की शुरुआत और जानें इसका उद्देश्य
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब 2017 में अयोध्या में पहला दीपोत्सव मनाया गया था, तब उद्देश्य सिर्फ एक था — दुनिया को यह दिखाना कि जब चारों ओर अंधकार था, तब भी अयोध्या भगवान श्रीराम का स्वागत प्रकाश और भक्ति से करती थी. उस समय 51,000 मिट्टी के दीये जलाए गए थे, लेकिन अब यह आयोजन विश्वस्तर पर एक भव्य उत्सव बन चुका है. इस बार करीब 26 लाख से अधिक दीयों से अयोध्या प्रकाशित हुई है, जो आस्था की शक्ति और सत्य की विजय का प्रतीक है.
अयोध्या में योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति
बता दें कि इस अवसर के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने बातों-बातों में अयोध्या और राम मंदिर आंदोलन के राजनीतिक ऐतिहासिक महत्व की तरफ भी रोशनी डाली और इस दौरान सभी राम भक्तों के खिलाफ पूर्व राजनीतिक दलों द्वारा किए गए कार्यो की कड़ी निंदा भी की. मुख्यमंत्री ने राम की पैड़ी पर दीपोत्सव समारोह में हिस्सा लिया और भगवान श्रीराम, माता सीता तथा लक्ष्मण के रूप में सजे कलाकारों की आरती उतारी. उन्होंने पुष्पक विमान के रूप में सजे रथ को स्वयं खींचकर भगवान के आगमन का स्वागत किया. पूरा सरयू तट भक्ति और भावनाओं से सराबोर नजर आया.
जानें क्या है राम मंदिर आंदोलन का इतिहास
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि-1949 से लेकर आज तक “राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे” का संकल्प अटूट रहा है. विदेशी आक्रमणों और राजनीतिक उपेक्षा के बावजूद भक्तों की आस्था कभी नहीं डगमगाई. उन्होंने कहा कि 1947 में आज़ादी के बाद भी जब देश गुलामी के प्रतीकों को मिटा रहा था, तब अयोध्या को नजरअंदाज किया गया, लेकिन 1949 में भक्तों ने फिर से रामलला को उनके स्थान पर स्थापित करने का प्रयास किया, जो आगे चलकर एक ऐतिहासिक आंदोलन बन गया.


