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भारतीय नौसेना को मिला नया उप प्रमुख, संजय वात्स्यायन ने संभाली पद की जिम्मेदारी

भारतीय नौसेना को नया उपनौसेना प्रमुख मिल गया है. वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने शुक्रवार को इस अहम पद की कमान संभाल ली है. 35 वर्षों से अधिक के सैन्य अनुभव और कई प्रमुख ऑपरेशनल व रणनीतिक पदों पर सेवाएं दे चुके संजय वात्स्यायन की यह नियुक्ति नौसेना की युद्ध-सक्षम रणनीति को और मजबूती देने वाली मानी जा रही है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

भारतीय नौसेना को उसका 47वां उपनौसेना प्रमुख (Vice Chief of the Naval Staff) मिल गया है. वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन, एवीएसएम, एनएम ने 1 अगस्त 2025 को औपचारिक रूप से इस अहम पद का कार्यभार संभाल लिया. पदभार ग्रहण के बाद उन्होंने राष्ट्रीय समर स्मारक, नई दिल्ली पहुंचकर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन भारतीय नौसेना के उन चुनिंदा अधिकारियों में से हैं जिन्होंने अपने करियर में समुद्री संचालन, नीति निर्माण और रणनीतिक योजना के सभी स्तरों पर नेतृत्व करते हुए असाधारण योगदान दिया है. उनकी सेवा यात्रा तीन दशकों से भी अधिक की है, जो अनुकरणीय समर्पण और उत्कृष्टता का परिचायक है.

प्रशिक्षण और प्रारंभिक सेवा

वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की 71वीं कोर्स से शिक्षा प्राप्त की और 1 जनवरी 1988 को भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त किया. गनरी और मिसाइल प्रणाली के विशेषज्ञ के रूप में, उन्होंने कई अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर कार्य किया है.

समुद्री सेवा में उल्लेखनीय योगदान

उन्होंने INS मैसूर (गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर), INS निषंक और तटरक्षक पोत संग्राम जैसे युद्धपोतों के कमीशनिंग क्रू के रूप में सेवा दी. INS मैसूर पर कार्यकारी अधिकारी की भूमिका निभाने के साथ-साथ उन्होंने तटरक्षक पोत C-05, मिसाइल पोत INS विभूति, INS नाशक, मिसाइल कॉर्वेट INS कुठार और गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS सह्याद्री (जहां वे कमीशनिंग कमांडिंग ऑफिसर थे) का सफलतापूर्वक संचालन किया.

फ्लैग रैंक और पूर्व नियुक्तियां

फरवरी 2018 में फ्लैग रैंक प्राप्त करने के बाद उन्होंने सहायक नौसेना प्रमुख (नीति और योजनाएं) के रूप में कार्य किया और फिर फरवरी 2020 में ईस्टर्न फ्लीट के कमांडर बने. उस समय गलवान की घटनाओं के बाद समुद्री सक्रियता उच्चतम स्तर पर थी, और उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण ऑपरेशनल तैनातियों और अभ्यासों का नेतृत्व किया.

रणनीतिक और नीतिगत पदों पर उत्कृष्ट सेवा

उन्होंने नौसेना मुख्यालय में कार्मिक नीति, दीर्घकालिक योजना और नौसेना योजनाओं के निदेशक जैसे अहम पदों पर सेवा दी है. इसके अतिरिक्त, उन्होंने नेशनल डिफेंस कॉलेज, दिल्ली, नेवल वॉर कॉलेज, गोवा और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से उच्च सैन्य शिक्षा प्राप्त की है.

IDS में प्रमुख भूमिका

वाइस एडमिरल वात्स्यायन ने डिप्टी चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (ऑपरेशंस) और फिर पॉलिसी, प्लान्स एंड फोर्स डेवलपमेंट में डीसीआईडीएस के रूप में कार्य करते हुए तीनों सेनाओं में समन्वय, संयुक्तता और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में अहम योगदान दिया.

पुरस्कार व पारिवारिक पृष्ठभूमि

उन्हें 2021 में असाधारण नेतृत्व और सेवा के लिए अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) से सम्मानित किया गया. वे एनडीए के डिप्टी कमांडेंट और पूर्वी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ भी रह चुके हैं. वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन की पत्नी सरिता एक समर्पित गृहिणी हैं. उनके पुत्र ने अर्थशास्त्र में स्नातक कर इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस से MBA किया है, जबकि उनकी पुत्री मानविकी की छात्रा हैं.

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01 August 2025, 01:25 PM IST

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