Video : वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के विरोध में विपक्ष का प्रदर्शन, अखिलेश यादव ने कूदकर पार की बैरिकेडिंग
विपक्षी दलों ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और चुनाव आयोग पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए दिल्ली में मार्च किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका और कई नेताओं को हिरासत में लिया. अखिलेश यादव बैरिकेड कूदते नजर आए, जबकि राहुल गांधी और प्रियंका ने इसे लोकतंत्र बचाने की लड़ाई बताया. भाजपा ने विपक्ष पर देश को अस्थिर करने का आरोप लगाया.

Akhilesh Yadav jumps across barricade : देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई जब विपक्षी दलों ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग तक मार्च निकाला. यह मार्च संसद भवन से शुरू हुआ था और इसमें कई प्रमुख विपक्षी नेता शामिल थे. उनका कहना था कि चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच मिलीभगत है, जिससे लोकतंत्र को खतरा है. हालांकि, चुनाव आयोग और भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
विरोध प्रदर्शन के दौरान अखिलेश ने फांदा बैरिकेड
#WATCH | Delhi: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav jumped over a police barricade as Delhi Police stopped INDIA bloc leaders marching from the Parliament to the Election Commission of India to protest against the Special Intensive Revision (SIR) of electoral rolls in poll-bound… pic.twitter.com/ddHMdwWPqs
— ANI (@ANI) August 11, 2025
राहुल और प्रियंका समेत कई नेता हिरासत में
वहीं, इस मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, शिवसेना (उद्धव गुट) के संजय राउत और अन्य सांसद भी शामिल थे. जैसे ही प्रदर्शन आगे बढ़ा, पुलिस ने इन नेताओं को रोककर एक बस में बैठा दिया और नज़दीकी थाने ले गई. पुलिस का कहना था कि इस तरह के बड़े प्रदर्शन की इजाजत नहीं ली गई थी और केवल 30 सांसदों को चुनाव आयोग तक जाने की अनुमति थी.
यह संविधान की रक्षा की लड़ाई है, राहुल गांधी
बता दें कि राहुल गांधी ने प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए साफ कहा कि यह लड़ाई सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि संविधान को बचाने की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि 'एक व्यक्ति, एक वोट' का अधिकार खतरे में है और सच्चाई को दबाया जा रहा है. उनका आरोप था कि बेंगलुरु की एक विधानसभा सीट पर हुए मतदान में धांधली हुई है.
प्रियंका गांधी ने सरकार को बताया कायर
विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि सरकार डरी हुई है और इसलिए विपक्ष को चुप कराने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, “वे लोग डरे हुए हैं, इसलिए इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं.”
डिंपल यादव ने यूपी उपचुनाव पर उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी की सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भी इस मार्च में शामिल थीं. उन्होंने उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वहां न सिर्फ वोट चोरी हुई, बल्कि बूथों पर कब्जा भी किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के आदेश पर काम कर रहे अधिकारियों के खिलाफ चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की.
देश को धर्मशाला बनाना चाहते हैं विपक्षी दल
वहीं इस पूरे मामले पर भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए पलटवार किया. उन्होंने कहा कि विपक्ष ऐसे लोगों को वोटर लिस्ट में बनाए रखना चाहता है जो या तो मर चुके हैं, दूसरी जगह चले गए हैं, या विदेशी नागरिक हैं. उनका आरोप था कि विपक्ष बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को भी वोटर लिस्ट में शामिल कर लोकतंत्र को कमजोर करना चाहता है. उन्होंने इसे विपक्ष की सोची-समझी साजिश बताया.
राहुल गांधी के पास कोई सबूत नहीं, अमित मालवीय
अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि उन्होंने अपने आरोपों को साबित करने के लिए अब तक कोई कानूनी सबूत या शपथ पत्र नहीं दिया है. यहां तक कि कांग्रेस और राजद के हजारों बूथ लेवल एजेंट्स ने भी कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं कराई है.
लोकतंत्र की रक्षा या राजनीतिक रणनीति?
यह घटना केवल एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि लोकतंत्र की पारदर्शिता और चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल बन गई है. एक तरफ विपक्ष इसे लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई बता रहा है, वहीं सत्तारूढ़ पार्टी इसे विपक्ष की हताशा और अफवाह फैलाने की रणनीति मान रही है. अब देश की जनता को तय करना है कि सच्चाई किसके पक्ष में है.


