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नेपाल के बाद अब पेरू में शुरू हुआ Gen Z का विरोध प्रदर्शन, जानिए किस बात को लेकर युवाओं का फूटा गुस्सा

Peru youth Gen Z protests : नेपाल, पेरू, इंडोनेशिया और नीदरलैंड जैसे देशों में Gen Z युवाओं ने हाल के महीनों में सरकारों की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किए. नेपाल में सोशल मीडिया बैन पर विरोध इतना बढ़ा कि प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा. पेरू में पेंशन कानून के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो गए. यह दर्शाता है कि आज की युवा पीढ़ी लोकतंत्र, आजादी और आर्थिक अधिकारों के लिए खुलकर संघर्ष कर रही है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Peru youth Gen Z protests : वर्ष 2025 में दुनियाभर के कई देशों में Gen Z यानी नई पीढ़ी के युवाओं ने अपने अधिकारों और असहमति को लेकर बड़े स्तर पर आवाज उठाई है. तकनीक से जुड़े, जागरूक और तेज सोच वाले इन युवाओं ने परंपरागत राजनीतिक ढांचों को चुनौती देने का साहस दिखाया. इन प्रदर्शनों ने न केवल सोशल मीडिया ट्रेंड्स में जगह बनाई, बल्कि कई देशों की सरकारों की नीतियों और नेतृत्व को भी हिलाकर रख दिया.

नेपाल में सोशल मीडिया बैन से भड़के युवा

आपको बता दें कि नेपाल में हाल ही में हुए घटनाक्रम इस बात का प्रमाण हैं कि आज की युवा पीढ़ी अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर किसी भी सीमा तक जा सकती है. जब नेपाल की सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया, तो देश के Gen Z वर्ग ने इसे लोकतंत्र पर हमला मानते हुए देशभर में व्यापक प्रदर्शन किए.

PM को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा 
प्रदर्शन इतने उग्र हो गए कि राजधानी सहित कई शहरों में सरकारी कार्यालयों पर तोड़फोड़ हुई. छात्रों और युवाओं की इस आंदोलनकारी ऊर्जा के सामने सरकार को झुकना पड़ा. अंततः प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया. यह घटना दर्शाती है कि डिजिटल युग की पीढ़ी को चुप कराना अब आसान नहीं रह गया है.

पेरू में पेंशन प्रणाली के खिलाफ जनविद्रोह
नेपाल के बाद, अब दक्षिण अमेरिका के पेरू में भी Gen Z का गुस्सा फूटा है. 27 सितंबर को राजधानी लीमा में हजारों युवाओं ने राष्ट्रपति दीना बोलुआर्ते के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. यह विरोध तब शुरू हुआ जब सरकार ने एक नया पेंशन कानून लागू किया, जिसके तहत 18 वर्ष से ऊपर के प्रत्येक नागरिक को किसी न किसी निजी पेंशन कंपनी से जुड़ना अनिवार्य कर दिया गया.

यह कदम युवाओं को आर्थिक रूप से असुरक्षित महसूस कराने वाला लगा, जिससे व्यापक असंतोष फैला. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, आंसू गैस के गोले छोड़े गए और लाठीचार्ज हुआ. जवाब में युवाओं ने भी पथराव कर अपनी नाराजगी जाहिर की.

इंडोनेशिया में भी Gen Z का आंदोलन 
Gen Z के आंदोलन केवल नेपाल और पेरू तक सीमित नहीं हैं. 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच इंडोनेशिया में युवाओं ने संसद सदस्यों के बढ़े हुए भत्तों के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी. वहां भी युवाओं के दबाव में आकर राष्ट्रपति प्रबोवो को आवास भत्तों पर लिया गया फैसला वापस लेना पड़ा.

इसी प्रकार 1 सितंबर को नीदरलैंड में भी सरकार की इजराइल समर्थक नीतियों के विरोध में युवाओं ने आंदोलन किया. यह आंदोलन इतना प्रभावशाली रहा कि सरकार को अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करने का आश्वासन देना पड़ा.

बदलते युग की राजनीतिक चेतना
इन सभी घटनाओं से यह स्पष्ट है कि आज की युवा पीढ़ी न केवल जागरूक है, बल्कि अपने विचारों को लोकतांत्रिक तरीके से सामने रखने में सक्षम और साहसी भी है. Gen Z अब केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं, बल्कि सड़कों पर उतरकर सरकारों की नीतियों को प्रभावित कर रही है.

नेपाल में प्रधानमंत्री का इस्तीफा हो या पेरू में पेंशन नीति के खिलाफ सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब ये सभी घटनाएं इस बात की गवाही देती हैं कि Gen Z अब मूकदर्शक नहीं, निर्णायक भूमिका में है. आने वाले समय में भी यह पीढ़ी दुनिया के राजनीतिक परिदृश्य में अहम बदलाव लाने की क्षमता रखती है.

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29 September 2025, 04:57 PM IST

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