अमेरिका ने पहली बार किया लेजर हथियार तैनात, युद्ध की परिभाषा बदलने को तैयार!
27 जून 2025 को अमेरिका ने ओक्लाहोमा के फोर्ट सिल बेस पर पहली बार युद्ध अभ्यास में लेजर हथियार तैनात किया. इस ऐतिहासिक कदम से युद्धक्षेत्र में आधुनिक लेजर टेक्नोलॉजी की प्रभावशीलता साबित हुई, जो ड्रोन और हवाई हमलों को मिनटों में नष्ट करने की क्षमता रखती है.

अमेरिकी सेना ने हाल ही में एक ऐतिहासिक परीक्षण में आधुनिक लेजर हथियार प्रणाली ‘DE M-SHORAD’ को पहली बार युद्ध-स्तर पर उपयोग में लाकर भविष्य की लड़ाइयों की तस्वीर बदल दी है. यह परीक्षण अमेरिकी सेना की 4th बटालियन, 60th एयर डिफेंस आर्टिलरी रेजिमेंट और रैपिड कैपेबिलिटीज एंड क्रिटिकल टेक्नोलॉजी ऑफिस (RCCTO) के संयुक्त प्रयास से किया गया.
इस लेजर सिस्टम का नाम ‘Guardian’ रखा गया है और इसे अमेरिका की अत्याधुनिक रक्षा कंपनी Raytheon टेक्नोलॉजी ने डिजाइन किया है. यह न केवल ड्रोन्स बल्कि रॉकेट, मोर्टार और अन्य हवाई खतरों को भी मिनटों में खत्म करने की क्षमता रखता है.
Stryker व्हीकल पर आधारित लेजर सिस्टम
इस घातक प्रणाली को ‘Stryker A1 8x8’ व्हीकल पर स्थापित किया गया था, जो डबल-V हुल तकनीक से लैस है, जिससे यह वाहन बारूदी सुरंगों और IED से भी सुरक्षित रहता है. इसके साथ 450 हॉर्सपावर इंजन और Li-NCA बैटरियों से यह लगातार ऊर्जा प्राप्त करता है, जिससे इसमें लगे 50 किलोवॉट के लेजर को लगातार फायरिंग में सक्षम बनाया गया है.
ड्रोन के झुंडों को पल भर में तबाह
परीक्षण के दौरान, इस गार्डियन सिस्टम ने छोटे और मध्यम आकार के ड्रोन के झुंडों को सफलतापूर्वक निशाना बनाकर नष्ट किया. यह पहली बार है जब अमेरिकी सेना ने इस प्रकार की डायरेक्ट एनर्जी प्रणाली को युद्ध-स्तर पर टेस्ट किया है. इसने यह साबित कर दिया है कि यह तकनीक अब प्रयोगशाला से बाहर आ चुकी है और रियल बैटलफील्ड में इस्तेमाल के लिए तैयार है.
लेयर-आधारित सुरक्षा कवच की ओर कदम
DE M-SHORAD प्रणाली को पारंपरिक एयर डिफेंस सिस्टम के साथ मिलाकर एक लेयर बेस्ड सुरक्षा कवच तैयार किया जा सकता है. इसका मतलब है कि विभिन्न स्तरों पर आने वाले हवाई खतरों को अलग-अलग सुरक्षा परतों से रोका जा सकेगा. यह प्रणाली ब्रिगेड और डिवीजन स्तर पर सुरक्षा को और अधिक मजबूत करेगी.
पारंपरिक हथियारों से सस्ता और सटीक विकल्प
लेजर हथियारों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें बारूद की जगह सिर्फ ऊर्जा की आवश्यकता होती है. इससे अनलिमिटेड फायरिंग की जा सकती है, वो भी बेहद सटीकता और बेहद कम लागत पर. इससे लॉजिस्टिक सप्लाई पर भी बोझ कम होता है और युद्ध के दौरान तेजी से प्रतिक्रिया दी जा सकती है.
भविष्य के युद्धों में लेजर हथियारों की बड़ी भूमिका
इस परीक्षण के सफल होने के साथ अमेरिका ने FY26 एंड्योरिंग हाई एनर्जी लेजर (E-HEL) प्रोग्राम की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा दिया है. यह अमेरिकी सेना की पहली पूरी तरह से रिकॉर्डेड डायरेक्ट एनर्जी प्रणाली बनने की ओर अग्रसर है. इस प्रणाली की सफलता साफ संकेत देती है कि भविष्य में होने वाले युद्धों में लेजर हथियार निर्णायक भूमिका निभाएंगे और यह रक्षा तकनीक की दुनिया में एक नई क्रांति की शुरुआत है.


