पीएम मोदी- राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात से अमेरिका को लगी मिर्ची, अब देने लगा संबंधों की दुहाई
अमेरिकी दूतावास ने भारत-अमेरिका की स्थायी मित्रता की सराहना करते हुए साझेदारी को 21वीं सदी का निर्णायक रिश्ता बताया. यह बयान ऐसे समय आया जब पीएम मोदी और पुतिन एससीओ शिखर सम्मेलन में साथ दिखे. वैश्विक तनाव और व्यापारिक चुनौतियों के बीच भारत-रूस और भारत-अमेरिका संबंध नई दिल्ली की बहुपक्षीय कूटनीति को दर्शाते हैं.

Modi Putin meeting: भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने रविवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच मजबूत और स्थायी मित्रता को सराहा. दूतावास ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध लगातार नई ऊंचाइयां छू रहे हैं और यह 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक है.
मोदी और पुतिन की मुलाकात के बीच आया संदेश
अमेरिकी दूतावास का यह संदेश उस समय सामने आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में एक-दूसरे से गले मिलते और कार में साथ यात्रा करते दिखाई दिए. तियानजिन में दोनों नेताओं की द्विपक्षीय वार्ता शुरू होने से कुछ ही घंटे पहले अमेरिकी पोस्ट ने विशेष ध्यान खींचा.
दूतावास का बयान
अमेरिकी दूतावास की पोस्ट में लिखा, “अमेरिका और भारत की साझेदारी निरंतर मजबूत हो रही है. यह केवल रणनीतिक संबंध नहीं बल्कि लोगों के बीच की स्थायी मित्रता है जो इस रिश्ते को ऊर्जा देती है. नवाचार, उद्यमिता, रक्षा और द्विपक्षीय सहयोग जैसे क्षेत्र इस साझेदारी को और आगे बढ़ा रहे हैं.” इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो का एक कथन साझा किया गया, जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच स्थायी मित्रता हमारे सहयोग का आधार है और यह हमें आर्थिक क्षमता को और गहराई से समझने के लिए प्रेरित करती है.
मोदी-पुतिन की अनोखी मुलाकात
एससीओ सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात सुर्खियों में रही. चीन की ओर से पुतिन को उपहार स्वरूप दी गई लग्जरी ऑरस सेडान कार में दोनों नेताओं को रिट्ज-कार्लटन होटल पहुंचते देखा गया. इस दौरान मोदी और पुतिन ने द्विपक्षीय संबंधों, वैश्विक परिदृश्य और ऊर्जा सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की. मोदी ने बाद में सोशल मीडिया पर लिखा, “राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एससीओ शिखर सम्मेलन में विचारों का आदान-प्रदान किया. यह संवाद काफी उपयोगी और अंतर्दृष्टिपूर्ण रहा.”
वैश्विक तनाव
अमेरिकी दूतावास का यह बयान उस समय आया है जब वैश्विक व्यापार और भू-राजनीतिक समीकरणों में अस्थिरता बढ़ रही है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने चीन के खिलाफ नए शुल्क लगाने के साथ-साथ सार्वभौमिक 10% टैरिफ भी लागू किए हैं. इसके अलावा, भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की लगातार खरीद पर प्रतिक्रिया स्वरूप अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय निर्यात पर 50% तक कर लगा दिया है. इन नीतियों ने न केवल व्यापारिक माहौल को प्रभावित किया है बल्कि एससीओ शिखर सम्मेलन की चर्चाओं पर भी परोक्ष प्रभाव डाला है.
भारत-रूस संबंधों की अहमियत
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के साथ संबंधों को 'गहराई और स्थिरता' से परिभाषित करते हुए कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत-रूस की साझेदारी विशेष महत्व रखती है. वहीं, अमेरिकी दूतावास द्वारा भारत-अमेरिका मित्रता की सराहना यह संकेत देती है कि नई दिल्ली वैश्विक शक्ति संतुलन में दोनों पक्षों के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करना चाहती है.


