score Card

वाह जी वाह... जनता बेहाल, नेता मालामाल: पाकिस्तान में नेताओं की 188% सैलरी बढ़ी और देश खड़ा है कंगाली के कगार पर

पाकिस्तान में एक तरफ जनता महंगाई और तनाव से जूझ रही है तो वहीं दूसरी तरफ वहां की सरकार ने अपने मंत्रियों की सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी कर डाली है. हैरानी की बात ये है कि ये काम बिना किसी विरोध के आसानी से हो गया. अब सवाल ये है कि जब देश की हालत खस्ता है तो खुद की जेबें भरना क्या सही है? पूरी खबर पढ़िए और जानिए कैसे पाकिस्तान की सत्ता अपने फायदे की राजनीति में लगी है जबकि आम जनता भुगत रही है...

Aprajita
Edited By: Aprajita

Pakistan: पाकिस्तान इन दिनों दोहरी मार झेल रहा है—एक तरफ भारत से बढ़ता तनाव और दूसरी तरफ देश की डगमगाती आर्थिक हालत. लेकिन इन सबके बीच वहां की सरकार ने जो कदम उठाया है, उसने आम लोगों को हैरानी और गुस्से से भर दिया है. जब देश की जनता महंगाई, बेरोजगारी और बॉर्डर पर तनाव से जूझ रही है तब पाकिस्तान की सरकार ने अपने मंत्रियों की सैलरी में 188% तक का इजाफा कर डाला है.

हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते और खराब हो गए हैं. भारत आतंकियों को पनाह देने वालों पर कड़ा रुख अपनाने की तैयारी कर रहा है. इसी बीच पाकिस्तान सरकार का फोकस देशहित पर कम और अपनी जेब भरने पर ज्यादा नजर आ रहा है.

अध्यादेश से बदल दिया खेल

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हाल ही में एक अध्यादेश पर दस्तखत किए हैं, जिसके तहत केंद्रीय और राज्य मंत्रियों की सैलरी और भत्तों में भारी बढ़ोतरी की गई है. इसे 'मंत्रियों (वेतन, भत्ते और विशेषाधिकार) संशोधन अध्यादेश, 2025' कहा गया है. इस अध्यादेश के लागू होने के बाद केंद्रीय और राज्य मंत्रियों का वेतन लगभग दोगुने से भी ज्यादा हो गया है.

सांसद पहले ही कर चुके हैं शुरुआत

गौरतलब है कि इसी साल की शुरुआत में पाकिस्तान के सांसदों के वेतन में भी भारी बढ़ोतरी की गई थी. फरवरी में पास हुए वेतन संशोधन विधेयक के मुताबिक, सांसदों का वेतन 218,000 रुपये से बढ़ाकर 519,000 रुपये कर दिया गया था—यानी 138% की बढ़ोतरी. दिलचस्प बात यह है कि इस मुद्दे पर कोई विरोध नहीं हुआ, न विपक्ष की ओर से और न ही सरकार पक्ष से. सभी पार्टियां इस फायदेमंद बदलाव पर एकमत नजर आईं.

जनता पूछ रही है सवाल

देश की आम जनता इस फैसले से काफी नाराज है. महंगाई की मार और असुरक्षा के माहौल में सरकार का ये फैसला लोगों के जले पर नमक छिड़कने जैसा है. सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है और सवाल उठ रहे हैं कि जब देश की अर्थव्यवस्था कंगाल हो रही है तब नेताओं को इतनी भारी सैलरी क्यों दी जा रही है?

नतीजा क्या होगा?

जहां एक ओर पाकिस्तान के नेता खुद को आर्थिक रूप से सुरक्षित कर रहे हैं वहीं देश की अर्थव्यवस्था और आम आदमी की हालत बिगड़ती जा रही है. ऐसे हालात में सरकार का ये कदम न सिर्फ नैतिक रूप से गलत माना जा रहा है, बल्कि इससे सरकार की प्राथमिकताओं पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

Topics

calender
05 May 2025, 11:02 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag