score Card

पाकिस्तान को IMF ने दी 1.2 बिलियन डॉलर खैरात, 18 महीनों में पूरी करनी होंगी ये 64 शर्तें

IMF ने हाल ही में पाकिस्तान की कमज़ोर होती इकॉनमी को सपोर्ट करने के लिए $1.2 बिलियन की किश्त जारी की है, लेकिन इसके साथ कुछ कड़ी शर्तें भी रखी हैं। IMF ने $7 बिलियन के बेलआउट पैकेज के हिस्से के तौर पर पाकिस्तान को 11 नई सब्सिडी भी दी हैं।

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली: पाकिस्तान की कमजोर होती अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भले ही हाल ही में 1.2 बिलियन डॉलर की किस्त जारी की हो, लेकिन इसके साथ ही देश पर शर्तों का बोझ और बढ़ गया है. 7 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज के तहत IMF ने पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें जोड़ दी हैं, जिसके बाद कुल शर्तों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है और इन्हें अगले 18 महीनों में पूरा करना अनिवार्य होगा.

पाकिस्तान की आर्थिक हालत पिछले कई सालों से डगमगा रही है. देश IMF और वर्ल्ड बैंक जैसी बाहरी संस्थाओं की फंडिंग पर बुरी तरह निर्भर है. 2024 में पाकिस्तान मुश्किल से डिफॉल्ट होने से बच पाया था, जब IMF ने 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट बढ़ाया. तब से लेकर अब तक पाकिस्तान लगभग 3.3 बिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त कर चुका है. लेकिन जैसे कहा जाता है "कर्ज कभी मुफ्त नहीं आता". 

IMF की नई 11 शर्तें 

1. अधिकारियों की संपत्ति का खुलासा

IMF की पहली और सबसे अहम शर्त है कि सीनियर संघीय अधिकारियों को अपनी संपत्ति घोषित करनी होगी. बाद में यह शर्त प्रांतीय अधिकारियों पर भी लागू होगी. इसका उद्देश्य सरकारी तंत्र में पारदर्शिता बढ़ाना है.

2. 10 संवेदनशील विभागों में एंटी-करप्शन एक्शन प्लान

IMF ने पाकिस्तान से उन विभागों में विस्तृत योजनाएं मांगी हैं, जहां भ्रष्टाचार का खतरा सबसे अधिक है. इसके साथ ही प्रांतीय एंटी-करप्शन यूनिट्स को अधिक अधिकार और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस तक पहुंच देने की मांग की गई है.

3. रेमिटेंस और क्रॉस-बॉर्डर भुगतान सिस्टम की समीक्षा

विदेशी भेजतों की लागत, बाधाओं और भुगतान तंत्र में सुधार के लिए पाकिस्तान को व्यापक आकलन रिपोर्ट जमा करनी होगी.

4. लोकल करेंसी बॉन्ड मार्केट सुधारों की रणनीति

IMF स्थानीय मुद्रा बॉन्ड बाजार को स्थिर और मजबूत करने के लिए रणनीति पेश करने को कह रहा है.

5. शुगर मार्केट का उदारीकरण

पाकिस्तान की चीनी उद्योग लंबे समय से राजनीतिक दखल और कारोबारी कार्टेल के लिए बदनाम रही है. IMF ने इस पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रीय चीनी बाजार उदारीकरण नीति तैयार करने की शर्त रखी है.

6. टैक्स सुधार रोडमैप

पाकिस्तान को राजस्व बोर्ड सुधार रोडमैप और मध्यम अवधि की टैक्स सुधार रणनीति पेश करनी होगी.

7. पावर सेक्टर में नुकसान कम करने की शर्त

IMF ने बिजली वितरण कंपनियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने और पावर सेक्टर की वित्तीय हानि कम करने की मांग की है.

8. कॉर्पोरेट कानूनों में संशोधन

कंपनी अधिनियम और SEZ (स्पेशल इकोनॉमिक जोन) अधिनियम में बदलाव भी IMF की मांगों की सूची में शामिल हैं.

9. राजस्व कम हुआ तो मिनी बजट

अगर सरकार टैक्स संग्रह के लक्ष्य से चूकती है, तो अगले वर्ष मिनी बजट लाना अनिवार्य होगा.IMF की इन कठोर शर्तों से यह साफ है कि पाकिस्तान को फंडिंग मिलना अब पहले से कहीं अधिक मुश्किल और कड़े आर्थिक सुधारों पर निर्भर हो गया है. आने वाले कुछ महीने पाकिस्तान की आर्थिक दिशा तय करने में बेहद महत्वपूर्ण होंगे.

calender
12 December 2025, 03:43 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag