पाक की बर्बादी की उलटी गिनती शुरू! आज IMF बैठक में भारत उठाएगा पाकिस्तान को कर्ज देने पर सवाल
IMF board meeting: भारत शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की अहम बैठक में पाकिस्तान को प्रस्तावित 1.3 अरब डॉलर के कर्ज पर अपनी आपत्ति दर्ज करेगा. भारत का कहना है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद उसके पुराने कर्ज लौटाने के रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए गंभीरता से जांची जानी चाहिए.

IMF board meeting: भारत शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की बोर्ड बैठक में पाकिस्तान को प्रस्तावित 1.3 अरब डॉलर के कर्ज पर अपनी आपत्ति दर्ज करेगा. भारत की ओर से IMF में कार्यकारी निदेशक इस बैठक में देश का पक्ष रखेंगे. भारत ने IMF और अन्य बहुपक्षीय वित्तीय संस्थाओं से आग्रह किया है कि वे पाकिस्तान को दिए जा रहे फंड और ऋण की समीक्षा करें, खासतौर पर उसके आर्थिक इतिहास और कर्ज वापसी की कमजोर स्थिति को देखते हुए.
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि आईएमएफ की यह बैठक पाकिस्तान को लचीलापन और स्थिरता सुविधा (आरएसएफ) के तहत प्रस्तावित ऋण और सहायता की पहली समीक्षा के लिए बुलाई गई है. भारत इस मौके पर पाकिस्तान के पिछले रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के आधार पर निर्णय लेने की बात कर रहा है.
IMF बोर्ड के सामने भारत का पक्ष
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को कहा कि, "हमारे पास IMF में एक कार्यकारी निदेशक है. कल यानि शुक्रवार को आईएमएफ बोर्ड की बैठक है और मुझे विश्वास है कि हमारे कार्यकारी निदेशक भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करेंगे. यह बयान तब आया जब पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज के संबंध में भारत के रुख के बारे में पूछा गया.
उन्होंने आगे कहा, "बोर्ड के फैसले एक अलग प्रक्रिया के तहत होते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि पाकिस्तान का मामला उन सभी लोगों के लिए स्वाभाविक रूप से स्पष्ट होना चाहिए जो उदारतापूर्वक इस देश को बार-बार आर्थिक सहायता देते हैं."
सवालों के घेरे में पाक का पिछला ट्रैक रिकॉर्ड
विदेश सचिव ने पाकिस्तान के bailout इतिहास पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, "पिछले तीन दशकों में पाकिस्तान को कई बार IMF से राहत पैकेज मिल चुके हैं. लेकिन इनमें से कितने पैकेज सफलतापूर्वक पूरे हुए हैं – शायद बहुत कम." उन्होंने जोर देकर कहा कि IMF बोर्ड को फैसला तथ्यों के आधार पर लेना चाहिए, न कि केवल राजनीतिक या रणनीतिक कारणों से.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को झटका
पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और IMF से मिली सहायता उसकी अर्थव्यवस्था के लिए लाइफलाइन बनी हुई है. 2023 में पाकिस्तान ने IMF से 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज हासिल किया था और मार्च 2024 में उसे 1.3 अरब डॉलर का क्लाइमेट रेज़ीलिएंस कर्ज भी मिला था. यह पाकिस्तान का 24वां बेलआउट कार्यक्रम था.
अगर IMF और अन्य वित्तीय संस्थाएं फंडिंग रोकती हैं, तो पाकिस्तान की पहले से ही कमजोर हो चुकी अर्थव्यवस्था को भारी झटका लग सकता है.
भारत की अन्य वैश्विक संस्थाओं से भी अपील
भारत ने सिर्फ IMF ही नहीं, बल्कि वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक जैसी अन्य बहुपक्षीय एजेंसियों से भी पाकिस्तान को दी जा रही सहायता की समीक्षा करने की मांग की है. इसके साथ ही भारत वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग निगरानी संस्था FATF से भी पाकिस्तान को दोबारा ग्रे लिस्ट में डालने की मांग कर रहा है.