भारत से तनाव के बीच नवाज शरीफ से मिले पाक पीएम शहबाज शरीफ, बिगड़ते रिश्तों पर मिली यह सलाह
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात की और कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करने के संदर्भ में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की जानकारी दी. शहबाज ने पाकिस्तान की सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा की, जबकि नवाज शरीफ ने कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से शांति स्थापित करने का सुझाव दिया.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात की और उन्हें कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करने के संदर्भ में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी दी. यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के बीच सामने आया है, और यह स्थिति युद्ध के खतरे को और बढ़ा रही है.
देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं
शहबाज शरीफ ने मुलाकात के दौरान पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज के साथ जति उमरा में अपने पारिवारिक आवास पर नवाज शरीफ से सरकार के रुख के बारे में बात की. शहबाज ने पाकिस्तान की सरकार की ओर से 'किसी भी आक्रमण का अधिक बल के साथ जवाब देने' की तैयारियों का भी जिक्र किया. उन्होंने पहलगाम आतंकवादी घटना को 'क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने के लिए भारतीयों द्वारा किया गया एक और झूठा अभियान' करार दिया. इसके साथ ही शहबाज ने कहा कि भारत का सिंधु जल संधि को निलंबित करने का एकतरफा निर्णय क्षेत्र में युद्ध के खतरे को बढ़ा रहा है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान शांति की दिशा में प्रतिबद्ध है, लेकिन देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
कूटनीतिक प्रयासों का उपयोग किया जाए
सूत्रों के अनुसार, नवाज शरीफ ने इस स्थिति पर सरकार को सलाह दी कि दोनों परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच शांति बहाल करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों का उपयोग किया जाए. नवाज ने आक्रामक रुख अपनाने के बजाय कूटनीतिक रास्ते को प्राथमिकता देने का पक्ष लिया. उनका कहना था कि पाकिस्तान को शांति स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए. साथ ही, उन्होंने भारत से परमाणु युद्ध के खतरे से बचने के लिए सभी राजनयिक चैनलों का उपयोग करने की बात कही.
जांच में इन देशों को किया जाए शामिल
वहीं, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहलगाम घटना की जांच के लिए एक अंतरराष्ट्रीय आयोग के गठन का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि जांच में अमेरिका, ईरान, चीन, रूस और ब्रिटेन के अधिकारियों को शामिल किया जाए ताकि घटना की सच्चाई का पता चल सके. आसिफ ने इसे "झूठा अभियान" बताते हुए कहा कि पाकिस्तान किसी भी अंतरराष्ट्रीय आयोग के साथ इस मामले में सहयोग करने को तैयार है, ताकि इस नाटक का पर्दाफाश किया जा सके.
रक्षा मंत्री आसिफ ख्वाजा ने दी धमकी
ख्वाजा आसिफ ने यह भी चेतावनी दी कि यदि भारत कोई दुस्साहस करता है तो पाकिस्तान अपनी तैयारियों को नजरअंदाज नहीं करेगा. रक्षा मंत्री ने वैश्विक स्तर पर उत्पन्न हो रहे खतरों को लेकर भी चेतावनी दी और कहा कि "दो परमाणु संपन्न देशों के बीच टकराव से पूरी दुनिया की स्थिरता को खतरा हो सकता है." उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस गंभीर मामले पर तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया.
यह घटना 22 अप्रैल को हुई, जब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम इलाके में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर अंधाधुंध गोलीबारी की. इस हमले में कम से कम 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई. यह घटना एक ऐसी घाटी में घटी थी जहां केवल पैदल या घोड़े के माध्यम से ही पहुंचा जा सकता है. इस हमले ने भारतीय नागरिकों को आतंकित कर दिया और भारतीय सरकार को आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया.
बॉर्डर पर लगातार बढ़ रहा तनाव
पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ता जा रहा है और यह नया घटनाक्रम दोनों देशों के संबंधों को और जटिल बना सकता है. भारतीय सुरक्षा बलों ने पहलगाम हमले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है, जबकि पाकिस्तान में इसके खिलाफ कूटनीतिक कदम उठाए जा रहे हैं. अब देखना यह होगा कि इस विवाद का समाधान कूटनीतिक रूप से निकाला जाता है या यह और तनाव का कारण बनेगा.


