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PAK और अफगानिस्तान दोनों पड़ोसी... 48 घंटे के सीजफायर पर आया चीन का बयान, अमेरिका पर भी साधा निशाना

China on Afghanistan conflict : अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच एक सप्ताह तक चले संघर्ष के बाद 48 घंटे का अस्थायी सीजफायर घोषित किया गया है. सीमावर्ती झड़पों के बीच चीन ने इस कदम का समर्थन किया है और दोनों देशों से संयम और संवाद की अपील की है. चीन ने क्षेत्रीय स्थिरता को प्राथमिकता बताते हुए पाकिस्तान-अफगानिस्तान को "बदले न जा सकने वाले पड़ोसी" कहा और स्थायी समाधान में मदद का भरोसा भी जताया है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

China on Afghanistan conflict : अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच एक हफ्ते तक चला सीमाई संघर्ष अब फिलहाल थम गया है. बुधवार शाम को दोनों देशों के बीच 48 घंटे का अस्थायी युद्धविराम (सीजफायर) लागू हुआ, जिसने तनावपूर्ण हालात में थोड़ी राहत दी है. हालांकि इस बीच भी इधर-उधर से हल्की झड़पों की खबरें सामने आती रही हैं, जिससे स्थिति पूरी तरह शांत नहीं कही जा सकती. इसी घटनाक्रम पर अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी आने लगी है और चीन ने इस सीजफायर का खुले तौर पर समर्थन किया है.

पाकिस्तान-अफगानिस्तान ‘अटूट पड़ोसी’

बता दें कि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सीजफायर पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे दोनों देशों के साझा हित में बताया. उन्होंने कहा कि बातचीत और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में उठाया गया यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता के लिए लाभकारी है और चीन इसका स्वागत करता है. उन्होंने इस बात को दोहराया कि चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों को अपने करीबी और अपरिवर्तनीय पड़ोसी मानता है. चीन चाहता है कि दोनों देश संयम बरतें, आपसी मतभेदों को बातचीत से सुलझाएं और दीर्घकालिक समाधान की दिशा में अग्रसर हों.

चीन ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर जताई चिंता
सीजफायर के संदर्भ में बोलते हुए लिन जियान ने अमेरिका के व्यवहार की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि अमेरिका का एकतरफा रवैया और दबाव बनाने की नीति वैश्विक व्यापार प्रणाली के लिए नुकसानदेह रही है. इससे दुनिया भर में उद्योगों की स्थिरता और आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चीन का रूस सहित अन्य देशों से व्यापार और ऊर्जा सहयोग पूरी तरह वैध है और किसी भी तरह से अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन नहीं करता.

TTP पर हमले से शुरू हुई तनातनी
इस हालिया संघर्ष की शुरुआत 8 अक्टूबर को तब हुई जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर हमले किए. इसके बाद से सीमा पर दोनों पक्षों में तनाव तेजी से बढ़ा. पाकिस्तानी सेना ने बताया कि बलूचिस्तान बॉर्डर पर अफगान तालिबान के एक हमले को उन्होंने नाकाम किया. उसी रात दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई इलाकों में झड़पें हुईं.

काबुल और कंधार में 15 नागरिकों की मौत
अफगानिस्तान के तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि उनकी सेना ने कंधार के स्पिन बोल्डक क्षेत्र में हमला किया, जिसके जवाब में तालिबान ने भी कार्रवाई की. इस हिंसा में पाकिस्तानी हवाई हमलों के कारण काबुल और कंधार में 15 नागरिकों की मौत हुई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए. इसके बाद अफगानिस्तान ने भी सीमा पर टैंकों की तैनाती कर दी, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए थे.

सीजफायर की घोषणा और चीन की भूमिका
इन घटनाओं के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष की गंभीरता को देखते हुए 48 घंटे का सीजफायर घोषित किया गया. चीन ने इस पूरे घटनाक्रम में तटस्थ और संतुलित भूमिका अपनाते हुए दोनों देशों से संयम की अपील की है. चीन न केवल इस युद्धविराम का समर्थन कर रहा है, बल्कि उसने यह भी कहा है कि वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को बेहतर बनाने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

अस्थायी शांति, लेकिन चुनौती अभी शेष
हालांकि सीजफायर लागू हो चुका है, लेकिन जमीन पर शांति कितनी स्थायी रहेगी, यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी. झड़पों की खबरें और सीमा पर तनाव इस ओर इशारा करते हैं कि अभी समाधान अधूरा है. ऐसे में चीन की भूमिका, क्षेत्रीय ताकतों का संतुलन, और पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच संवाद की गुणवत्ता आने वाले दिनों में तय करेगी कि यह युद्धविराम वास्तव में स्थायी शांति में बदलेगा या नहीं

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16 October 2025, 04:52 PM IST

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