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पंजाब में औद्योगिक क्रांति की नई शुरुआत, सुई-धागे की ताकत से अब हर हाथ को मिलेगा रोजगार, ₹1,600 के निवेश से पंजाब बनेगा Technical Hub

Punjab Textile Industry : मुख्यमंत्री भगवंत मान की निवेश-हितैषी नीतियों के चलते पंजाब में 86,541 करोड़ का निवेश आया, जिससे 4 लाख नौकरियाँ बनीं. फतेहगढ़ साहिब में सनाथन टेक्सटाइल्स का 1,600 करोड़ का हब कपड़ा उद्योग को नई दिशा दे रहा है. पारदर्शी मंजूरी, SGST रिफंड, और बुनियादी ढाँचा पंजाब को उद्योग का केंद्र बना रहे हैं. यह केवल कारखाने नहीं, हर पंजाबी के सपनों को आकार देने की कहानी है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Punjab Textile Industry : मुख्यमंत्री भगवंत मान की उद्योग-हितैषी नीतियों का असर अब जमीन पर स्पष्ट रूप से नजर आने लगा है. पंजाब अब सिर्फ खेती या हरित क्रांति का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि उद्योग और रोजगार के नए केंद्र के रूप में तेज़ी से उभर रहा है. पिछले ढाई वर्षों में राज्य ने निवेश के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं. कुल 86,541 करोड़ रुपये का निवेश आने से न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि 4 लाख से अधिक नौकरियाँ भी उत्पन्न हुई हैं. विशेष रूप से कपड़ा और परिधान क्षेत्र में 5,754 करोड़ रुपये का निवेश यह दर्शाता है कि यह क्षेत्र पंजाब के औद्योगिक पुनरुत्थान में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है.

फतेहगढ़ साहिब में बन रहा ‘भारत का नया मैनचेस्टर’

इस परिवर्तन की सबसे प्रभावशाली मिसाल है फतेहगढ़ साहिब के वजीराबाद में बन रहा सनाथन पॉलीकॉट प्राइवेट लिमिटेड का 1,600 करोड़ रुपये का टेक्निकल टेक्सटाइल हब. यह कारखाना पंजाब को कपड़ा उत्पादन के क्षेत्र में फिर से ‘भारत का मैनचेस्टर’ बनाने की दिशा में अग्रसर कर रहा है. यह न केवल एक बड़ा निवेश प्रोजेक्ट है, बल्कि हजारों नौजवानों के लिए नए रोजगार के अवसर भी लेकर आया है. 80 एकड़ क्षेत्र में फैले इस औद्योगिक केंद्र में पार्शियली ओरिएंटेड यार्न (POY), फुली ड्रॉन यार्न (FDY) और पॉलीस्टर ग्रेन्यूल्स जैसे उन्नत उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिनका उपयोग ऑटोमोबाइल, कृषि, चिकित्सा और सुरक्षा उपकरणों में होता है.

तेज निर्माण, पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता
अगस्त 2025 में इस हब का पहला चरण चालू हो चुका है, जो फिलहाल 350 टन प्रतिदिन का उत्पादन कर रहा है और जल्द ही यह क्षमता 700 टन प्रतिदिन तक पहुँचने वाली है. मार्च 2026 तक इसका पूरा संचालन शुरू हो जाएगा, जबकि 2027-28 तक इसका दूसरा चरण भी पूरा हो जाएगा. कंपनी की वार्षिक उत्पादन क्षमता इस दौरान बढ़कर 6 लाख टन हो जाएगी. 

नीतिगत सहयोग और पारदर्शिता बनी उद्योग की रीढ़
पंजाब सरकार ने उद्योगों के लिए जो एकल खिड़की प्रणाली लागू की है, वह निवेशकों के लिए वरदान साबित हो रही है. प्रारंभिक मंजूरी के लिए 3 दिन और सभी अनुमोदनों के लिए अधिकतम 45 कार्यदिवस की समयसीमा तय की गई है. देरी होने पर मंजूरी अपने आप मानी जाती है. इससे 125 करोड़ रुपये तक के छोटे निवेशक बिना किसी अड़चन के काम शुरू कर पा रहे हैं. सरकार की SGST की 100% वापसी, ब्याज दर में छूट, स्टांप ड्यूटी की माफी और भूमि आवंटन में प्राथमिकता जैसे प्रावधान पंजाब को निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य बना रहे हैं.

कपड़ा उद्योग की अगली पीढ़ी का केंद्र बनेगा पंजाब
सनाथन का यह हब अकेला नहीं है. लुधियाना में शिवा टेक्सफैब्स ने 815 करोड़ रुपये के निवेश से अपनी इकाई का विस्तार किया है. वर्धमान टेक्सटाइल्स और मोंटे कार्लो जैसी नामचीन कंपनियाँ भी यहाँ सक्रिय हैं. पहले से स्थापित इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क और नई परियोजनाओं के सहारे पंजाब अब 2030 तक अनुमानित 350 बिलियन डॉलर के वैश्विक टेक्सटाइल बाज़ार में बड़ा हिस्सा हासिल करने की ओर अग्रसर है. यहाँ बना माल न केवल घरेलू मांग को पूरा करेगा, बल्कि निर्यात के ज़रिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने में भी भूमिका निभाएगा.

रोजगार, व्यापार और ग्रामीण समृद्धि की नई इबारत
यह कारखाना हज़ारों स्थानीय युवाओं को तकनीशियन, मशीन ऑपरेटर, ट्रांसपोर्ट वर्कर और अन्य सेवा क्षेत्रों में नौकरी देगा. इससे आसपास के गाँवों और छोटे कस्बों में आर्थिक गति आएगी. स्थानीय दुकानों, ट्रांसपोर्ट, खानपान और छोटे व्यवसायों को भी लाभ मिलेगा. सनाथन टेक्सटाइल्स के चेयरमैन परेश दत्तानी ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि पंजाब सरकार की तेज़ और पारदर्शी नीतियों के चलते उनका सपना साकार हुआ है.

हर पंजाबी की तरक्की की कहानी
यह केवल एक टेक्सटाइल हब नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए सामाजिक और आर्थिक विकास का प्रतीक बन चुका है. सनाथन ने 2024 में अपने 550 करोड़ रुपये के IPO से बाज़ार में धमाकेदार एंट्री की और 4,077 करोड़ रुपये की कमाई दर्ज की. जर्मनी और जापान जैसी तकनीकी ताक़तें अब पंजाब की ओर रुख कर रही हैं. पंजाब सरकार अब 1.25 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है. यह सिर्फ कपड़े का निर्माण नहीं, बल्कि हर पंजाबी के सपनों को संजोने और उन्हें साकार करने की यात्रा है.

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16 October 2025, 04:05 PM IST

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