ट्रंप की टैरिफ नीति फेल, US के पूर्व उपराष्ट्रपति ने दिखाया आईना, कहा- टैरिफ से कंपनियां टूट रही...
अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने ट्रंप की टैरिफ नीति की आलोचना करते हुए कहा कि इसका बोझ अमेरिकी कंपनियों और उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है. फोर्ड कंपनी ने बताया कि उसने तीन महीनों में 800 मिलियन डॉलर टैरिफ में चुकाए हैं, जिससे भारी नुकसान हुआ है. फोर्ड और अन्य ऑटो कंपनियां अब प्रशासन से टैरिफ घटाने की मांग कर रही हैं ताकि आर्थिक नुकसान कम हो सके.

Trump Tariff Policy : अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ (शुल्क) नीतियों की आलोचना की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि ट्रंप की टैरिफ नीति का असली बोझ अमेरिकी कंपनियों और उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. पेंस ने एक आर्टिकल साझा किया, जिसमें बताया गया कि फोर्ड कंपनी को केवल तीन महीनों में 800 मिलियन डॉलर टैरिफ के रूप में चुकाने पड़े हैं, जबकि कंपनी की अधिकांश गाड़ियां अमेरिका में ही बनती हैं.
व्हाइट हाउस से बातचीत में जुटी फोर्ड
फोर्ड को हुआ भारी आर्थिक नुकसान
फोर्ड, जो अमेरिका में सबसे अधिक कारों का उत्पादन करती है, ने बताया कि उसने 2025 की दूसरी तिमाही के दौरान टैरिफ के कारण 800 मिलियन डॉलर का भुगतान किया है. कंपनी का कहना है कि टैरिफ की वजह से उसके वार्षिक मुनाफे में करीब 3 अरब डॉलर की गिरावट आ सकती है. अमेरिका में फोर्ड के 57,000 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिससे यह नुकसान और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है.
स्टील और एल्युमिनियम पर भारी शुल्क
ट्रंप प्रशासन ने स्टील और एल्युमिनियम पर 50% तक का टैरिफ लगाया है, जो कि वाहन निर्माण के लिए मुख्य कच्चे माल हैं. इसके अलावा, विदेशों से मंगाए जाने वाले कार के पुर्जों पर भी 25% का टैरिफ लगाया गया है, जिससे अमेरिकी कंपनियों की लागत में भारी इज़ाफा हुआ है.
जनरल मोटर्स भी हुआ प्रभावित
फोर्ड के अलावा जनरल मोटर्स ने भी टैरिफ की वजह से 1 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान झेलने की जानकारी दी है. अमेरिकी कार निर्माता कंपनियां अब तक इस बोझ को उपभोक्ताओं पर डालने से बच रही थीं, लेकिन बढ़ते घाटे को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में कीमतों में बढ़ोतरी तय है.


