ब्रिटेन के खालिस्तानी नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई: रेहल और बब्बर अकाली लहर पर लगाया प्रतिबंध
गुरप्रीत सिंह रेहल पर भारत पर गंभीर आरोप लगाया है. उसे आतंकवादी संगठनों से जुड़ने और उनकी गतिविधियों को चलाने का दोषी माना जा रहा है. ब्रिटिश सरकार के अनुसार, वह खूंखार संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल और बब्बर अकाली लहर का सक्रिय सदस्य रहा है. ये दोनों संगठन पंजाब में अलगाववादी आंदोलन और आतंकवाद के लिए कुख्यात हैं.

नई दिल्ली: ब्रिटेन ने भारत के लगातार बढ़ते दबाव के बाद खालिस्तानी आतंकवादी नेटवर्क पर अब तक की सबसे बड़ी और ऐतिहासिक कार्रवाई की है. 4 दिसंबर को ब्रिटिश सरकार ने गुरप्रीत सिंह रेहल और बब्बर अकाली लहर संगठन पर आतंकवाद से जुड़े गंभीर आरोपों के आधार पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए. यह कदम खास तौर पर प्रतिबंधित संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से इनके संबंधों को देखते हुए उठाया गया है.
इस कार्रवाई के बाद ब्रिटेन की वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग करने वाले खालिस्तानी चरमपंथियों पर गहरा असर पड़ेगा, साथ ही भारत और ब्रिटेन के बीच आतंकवाद विरोधी साझेदारी और मजबूत होती दिख रही है.
ब्रिटेन की बड़ी कार्रवाई
ब्रिटेन की सरकार ने काउंटर टेररिज्म (सैंक्शंस) रेगुलेशंस 2019 के तहत कई बड़े कदम उठाए हैं. इनमें शामिल हैं:-
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संपत्ति फ्रीज
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गुरप्रीत सिंह रेहल, बब्बर अकाली लहर और इनसे जुड़े संगठनों की ब्रिटेन में मौजूद सभी संपत्तियों, फंड्स और आर्थिक संसाधनों को तत्काल प्रभाव से फ्रीज कर दिया गया है.
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अब किसी भी ब्रिटिश नागरिक या संस्था को इनके साथ किसी तरह का आर्थिक लेन-देन करने की अनुमति नहीं होगी, जब तक कि HM ट्रेजरी से विशेष लाइसेंस न मिले.
कंपनियों पर कड़ा प्रहार
सेविंग पंजाब सीआईसी ,व्हाइटहॉक कंसल्टेशन्स लिमिटेड और लोहा डिजाइन्स (असंगठित) पर भी प्रत्यक्ष प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. गुरप्रीत सिंह रेहल को आगे किसी भी कंपनी का डायरेक्टर बनने या उसके प्रबंधन में किसी भी रूप में शामिल होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है.
ब्रिटेन ने चेतावनी दी है कि इन नियमों का उल्लंघन करने पर 7 साल तक की जेल या 10 लाख पाउंड तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.
आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता
ब्रिटिश सरकार का मानना है कि रेहल लंबे समय से बब्बर खालसा और बब्बर अकाली लहर जैसे खालिस्तानी संगठनों के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा था. आरोपों में शामिल हैं.
फंडिंग
हथियारों और सैन्य सामग्री की खरीद में सहायता, चरमपंथी गतिविधियों के प्रचार और विस्तार में सक्रिय भूमिका में था. बब्बर अकाली लहर, बब्बर खालसा का सहयोगी संगठन माना जाता है और खालिस्तानी आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है.
ब्रिटिश अधिकारियों का बयान
ब्रिटेन की आर्थिक सचिव लूसी रिग्बी KC MP ने कहा कि जब आतंकवादी ब्रिटेन की वित्तीय प्रणाली का शोषण करेंगे, तो हम चुप नहीं बैठेंगे. हम हर उपलब्ध टूल का इस्तेमाल करेंगे ताकि आतंकवाद की फंडिंग को रोका जा सके चाहे वह कहीं भी हो. उन्होंने यह भी साफ किया कि ब्रिटेन उन शांतिप्रिय समुदायों के साथ खड़ा है, जो हिंसा और घृणा को फैलाने वालों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.
भारत-ब्रिटेन सहयोग को बढ़ावा
यह कार्रवाई भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ रहे आतंकवाद विरोधी सहयोग का महत्वपूर्ण संकेत है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खालिस्तानी चरमपंथी फंडिंग चैनलों पर गहरा प्रहार करेगा. यह भी माना जा रहा है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच इस दिशा में और भी संयुक्त कार्रवाई देखने को मिल सकती है.


