युवाओं में तेजी से बढ़ता प्रोस्टेट कैंसर: चुपचाप पनपता ‘साइलेंट किलर’ जो बना राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट

प्रोस्टेट कैंसर, जो पहले 60 वर्ष से ऊपर के पुरुषों में होता था, अब 30 से 40 साल के युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है। इसे पुरुषों का 'साइलेंट किलर' कहा जाता है, जो अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

लाइफ स्टाइल न्यूज. प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में एक खतरनाक बीमारी है, जो प्रोस्टेट नामक ग्रंथि की कोशिकाओं के अनियंत्रित वृद्धि से होती है। पहले यह ज्यादातर बुजुर्गों को होता था, लेकिन आज के बदलते जीवनशैली के कारण यह 30-40 वर्ष के युवाओं में तेजी से फैल रहा है। यह बीमारी अपने शुरुआती दौर में बिलकुल चुपचाप बढ़ती है, जिससे पता लगाना मुश्किल होता है, लेकिन समय पर पहचान न होने पर यह जानलेवा साबित हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2022 में करीब 38,000 नए केस दर्ज किए गए, जो यह बताता है कि यह समस्या कितनी गंभीर है।

युवा वर्ग में क्यों बढ़ रहा है प्रोस्टेट कैंसर?

आज का बदलता जीवनशैली, जिसमें देर रात जागना, फास्ट फूड और तनावपूर्ण दिनचर्या शामिल है, युवाओं को तेजी से बीमार बना रही है। शारीरिक गतिविधि की कमी से शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो जाता है, जो कैंसर के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करता है। इसके अलावा, परिवार में इस बीमारी का इतिहास होना, शराब और धूम्रपान की आदतें, और प्रदूषण के कारण भी यह खतरा बढ़ रहा है। प्लास्टिक और केमिकल्स के संपर्क में आना भी इस बढ़ते खतरे का एक कारण माना जा रहा है।

प्रारंभिक लक्षणों को कैसे पहचानें?

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण शुरुआती दौर में सामान्य तौर पर ध्यान में नहीं आते, लेकिन कुछ संकेत मिलते हैं जैसे बार-बार पेशाब आना, खासकर रात को, पेशाब के दौरान जलन या खून आना, वीर्य में रक्त आना, पीठ या कूल्हों में लगातार दर्द, थकान और वजन में कमी। ये लक्षण हमेशा कैंसर का संकेत नहीं होते, पर इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

रोकथाम और सावधानियां

इस बीमारी से बचाव के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है, जिसमें फल, सब्जियां, फाइबर और स्वस्थ वसा शामिल हों। रेड मीट और जंक फूड से बचें। रोजाना कम से कम 30 मिनट तक शारीरिक गतिविधि करें, जैसे योग, वॉकिंग या एक्सरसाइज। 50 वर्ष के बाद नियमित स्क्रीनिंग कराएं, खासकर यदि परिवार में इस बीमारी का इतिहास हो। मानसिक तनाव को कम करें और अच्छी नींद लें क्योंकि ये हार्मोनल संतुलन के लिए आवश्यक हैं।प्रोस्टेट कैंसर के देर से पता चलने पर सर्जरी, रेडिएशन, हार्मोन थेरेपी जैसे जटिल उपचार की जरूरत पड़ती है। इसलिए समय पर जांच और पहचान ही इस बीमारी से बचाव का सबसे मजबूत हथियार है।

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09 June 2025, 01:32 PM IST

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