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नियम कड़े, सुरक्षा चाक‑चौबंद... इस बार सिर्फ तयशुदा श्रद्धालुओं को ही मिलेगा बाबा बर्फानी के दर्शन का सौभाग्य

हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनने वाली अमरनाथ यात्रा 2025 इस बार 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी. पहला जत्था बुधवार को रवाना होने जा रहा है. इस बार यात्रा के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों को और भी सख्त कर दिया गया है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

जम्मू-कश्मीर की पवित्र अमरनाथ यात्रा इस साल 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी. हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए घाटी का रुख कर रहे हैं. पहला जत्था बुधवार को रवाना हो रहा है और श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने रोजाना अधिकतम 15,000 यात्रियों को यात्रा की इजाज़त दी है. यात्रा के लिए हेल्थ सर्टिफिकेट से लेकर RFID कार्ड तक अनिवार्य किया गया है.

अगर आप अमरनाथ यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं तो यह जान लेना बेहद ज़रूरी है कि किन लोगों को इस यात्रा की अनुमति नहीं है, कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं, कौन से रूट से जाना आसान रहेगा और रास्ते में खानपान व रहने की सुविधा कैसी होगी. आइए जानते हैं अमरनाथ यात्रा 2025 से जुड़ी पूरी जानकारी विस्तार से.

किन यात्रियों को नहीं मिलेगी अनुमति?

अमरनाथ यात्रा के लिए उम्र सीमा 13 से 70 वर्ष तय की गई है. इससे कम या ज्यादा उम्र के लोग यात्रा नहीं कर सकते. इसके अलावा, प्रेग्नेंट महिलाएं, दिल, फेफड़े या ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति भी यात्रा के लिए अयोग्य माने जाएंगे. यदि आपके पास CHC मेडिकल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, परमिट, RFID कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो नहीं हैं तो भी आपको यात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी.

जरूरी डॉक्यूमेंट्स और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

यात्रा पर जाने से पहले आपको एक अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र (CHC) बनवाना होगा. इसके लिए पास के बैंक से मेडिकल फॉर्म लेकर उसे भरें और किसी सरकारी अस्पताल/स्वीकृत डॉक्टर से सर्टिफाई कराएं. इसके साथ ही आपके पास यात्रा परमिट, RFID कार्ड, आधार कार्ड या पासपोर्ट, 6 पासपोर्ट साइज फोटो और वैलिड मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है.

कौन से हैं अमरनाथ यात्रा के दो रूट?

पहलगाम रूट: करीब 29 किलोमीटर लंबा, यह रूट अपेक्षाकृत आसान है और इसमें चढ़ाई बहुत कठिन नहीं होती.

बालटाल रूट: यह केवल 14 किलोमीटर लंबा है लेकिन इसमें खड़ी और मुश्किल चढ़ाई शामिल है, जिससे यह थोड़ा टफ हो जाता है.

कैसे पहुंचे अमरनाथ?

हवाई मार्ग: श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है.

रेल मार्ग: जम्मू तवी रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद आप टैक्सी या बस से पहलगाम/बालटाल जा सकते हैं.

सड़क मार्ग: जम्मू, श्रीनगर, पहलगाम और बालटाल सभी प्वाइंट्स सड़क से जुड़े हुए हैं.

क्या है हेलिकॉप्टर सुविधा?

यात्रियों की सुविधा के लिए हेलिकॉप्टर सेवा भी मौजूद है:

बालटाल रूट: नीलग्राथ-पंजतरनी-नीलग्राथ

पहलगाम रूट: पहलगाम-पंजतरनी-पहलगाम

कहां मिलेगा खाना और ठहरने की सुविधा?

यात्रा मार्ग पर शेषनाग, चंदनवाड़ी और पंजतरनी में सरकारी डिपो लगाए गए हैं. यहां पर सस्ती दरों पर खाने-पीने का सामान मिलेगा. इसके अलावा, चाय और खाने की दुकानें रास्ते भर मौजूद रहेंगी. आप अपने साथ बिस्कुट, ड्राय फ्रूट, एनर्जी बार जैसे जल्दी खराब न होने वाले फूड आइटम्स ले जा सकते हैं. टेंट की सुविधा भी दी गई है.

कैसी है सुरक्षा व्यवस्था?

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा के लिए इस बार और कड़े इंतज़ाम किए गए हैं:

1 लाख जवान सुरक्षा में तैनात रहेंगे.

4000 हाई-रेजोल्यूशन फेस रिकग्निशन CCTV कैमरे लगाए गए हैं.

सभी गाड़ियों और यात्रियों को RFID तकनीक से टैग किया जाएगा.

जगह-जगह बंकर भी बनाए जा रहे हैं.

यात्रा से पहले क्या करें तैयारी?

शारीरिक तैयारी: हर दिन 4-5 किलोमीटर वॉक करें, 30 मिनट जॉगिंग करें, प्राणायाम करें.

सांस की एक्सरसाइज: हर दिन सुबह-शाम 5 गुब्बारे फुलाएं.

हाइड्रेशन: प्रतिदिन 4-5 लीटर पानी जरूर पिएं.

मेडिकल इमरजेंसी में किससे संपर्क करें?

अगर यात्रा के दौरान तबीयत बिगड़ जाए, सांस फूलने लगे या चक्कर महसूस हो, तो तुरंत मदद लें. नीचे दिए गए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करें: 18001807198 / 18001807199

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02 July 2025, 02:42 PM IST

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