कैंची धाम जाने के लिए कौन सा दिन है शुभ, कब और कैसे करें नीम करोली बाबा का दर्शन?
Kainchi Dham: नीम करोली बाबा का कैंची धाम उत्तराखंड का एक पावन स्थल है, जहां हजारों श्रद्धालु बाबा के दर्शन और आशीर्वाद के लिए पहुंचते हैं. माना जाता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद जरूर पूरी होती है. अगर आप भी इस धाम जाने की योजना बना रहे हैं, तो जानिए इसका सबसे शुभ दिन और दर्शन की सही विधि.

Kainchi Dham: नीम करोली बाबा 20वीं सदी के महान संतों में से एक थे. उनकी दिव्यता और चमत्कारिक शक्तियों के कारण देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन उनके दर्शन के लिए उत्तराखंड स्थित कैंची धाम पहुंचते हैं. बाबा के भक्तों का मानना है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है और जो कोई सच्चे मन से बाबा के दर पर आता है, वह खाली हाथ नहीं लौटता. ऐसे में जो श्रद्धालु बाबा नीम करोली महाराज के पावन दर्शन का मन बना रहे हैं, उनके लिए यह जानना आवश्यक है कि कैंची धाम जाने का सबसे शुभ दिन कौन सा है और कब बाबा के दर्शन करना सबसे फलदायी माना जाता है.
नीम करोली बाबा एक सिद्ध पुरुष और प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्हें उनके भक्त हनुमान जी का अवतार मानते हैं. बाबा का असली नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था. उन्होंने सन्यास लेने के बाद 'लक्ष्मण दास' नाम धारण किया और बाद में नीम करोली बाबा, तिकोनिया वाले बाबा और तलैया बाबा जैसे नामों से लोकप्रिय हुए. बाबा की लोकप्रियता केवल भारत तक सीमित नहीं रही, बल्कि अमेरिका समेत कई देशों में उनके भक्त मौजूद हैं.
कैंची धाम की स्थापना और महत्व
उत्तराखंड के नैनीताल जिले से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित कैंची धाम की स्थापना 15 जून 1964 को स्वयं नीम करोली बाबा ने की थी. यह स्थान अल्मोड़ा-नैनीताल मार्ग पर स्थित है और चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ एक अत्यंत शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक स्थल है. बाबा ने यहां पर हनुमान जी का एक दिव्य मंदिर स्थापित किया था, जो आज श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन चुका है.
कैंची धाम जाने के लिए सबसे शुभ दिन कौन सा?
नीम करोली बाबा को बजरंगबली हनुमान जी का अवतार माना गया है. ऐसे में हनुमान जयंती के दिन कैंची धाम जाना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है. इस वर्ष हनुमान जयंती 12 अप्रैल को मनाई जाएगी, ऐसे में इस दिन बाबा के दर्शन करने का विशेष महत्व रहेगा.
इसके अलावा 15 जून को हर वर्ष कैंची धाम का स्थापना दिवस भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन यहां विशाल मेले और भंडारे का आयोजन होता है, जिसमें देश-विदेश से हजारों भक्त शामिल होते हैं. यह दिन भी बाबा के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.
नीम करोली बाबा के दर्शन कैसे करें?
कैंची धाम हर दिन खुला रहता है, लेकिन दर्शन के लिए सुबह और दोपहर का समय विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है. सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक बाबा के मंदिर में दर्शन किए जा सकते हैं. विशेष अवसरों पर यहां बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, इसलिए समय से पहले पहुंचना एडवाइशेवल रहता है.
बाबा के दर्शन से जुड़ी मान्यताएं
भक्तों की मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से बाबा के चरणों में सिर झुकाता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है. कैंची धाम से कोई भी श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटता, और यहां मांगी गई मुरादें जरूर पूरी होती हैं. बाबा के चमत्कारों की कहानियां आज भी लोगों के जीवन में प्रेरणा और आस्था का स्रोत हैं.


