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'यह मेरी आस्था का मामला है', सद्गुरु संग मुलाकात पर विवाद के बीच डीके शिवकुमार का बयान

Karnataka Politics: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने ईशा फाउंडेशन में महाशिवरात्रि समारोह में शामिल होने पर उठे विवाद को खारिज करते हुए इसे अपनी निजी आस्था का विषय बताया. उन्होंने जोर देकर कहा कि वे जन्मजात कांग्रेसी हैं और भाजपा के करीब जाने की खबरें मात्र "झूठा प्रचार" हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Karnataka Politics: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने ईशा फाउंडेशन में महाशिवरात्रि समारोह में अपनी उपस्थिति को लेकर उठे विवाद पर स्पष्ट बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी मान्यता है और वे अपनी धार्मिक आस्था को लेकर किसी के दबाव में नहीं आएंगे. सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं और कुछ राजनैतिक विरोधियों की आपत्तियों के बीच उन्होंने जोर देकर कहा कि वे जन्मजात कांग्रेसी हैं और भाजपा के करीब जाने की खबरें मात्र "झूठा प्रचार" हैं.

शिवकुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि सद्गुरु, जो स्वयं मैसूर से हैं, ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया था, और यह पूरी तरह से उनका निजी मामला है. वहीं, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इस दौरे पर असहमति जताई है, लेकिन शिवकुमार ने इन आलोचनाओं को नजरअंदाज करते हुए कहा कि वे अपनी आस्था में दृढ़ विश्वास रखते हैं और किसी भी प्रकार की राजनीति से प्रभावित नहीं होंगे.

'यह मेरा निजी विश्वास है'- डीके शिवकुमार

डीके शिवकुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "मैंने ईशा फाउंडेशन में महाशिवरात्रि समारोह में भाग लिया था. यह मेरी निजी आस्था का विषय है. सोशल मीडिया पर हर किसी की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देना संभव नहीं है. मैं नहीं चाहता कि भाजपा या कोई और इसे राजनीतिक रंग दे. मीडिया को भी इस पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है." उन्होंने यह भी बताया कि सद्गुरु ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, और इसे लेकर विवाद खड़ा करना अनुचित है.

AICC के सचिव ने की असहमति व्यक्त

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव पीवी मोहन ने डीके शिवकुमार के इस दौरे पर असहमति व्यक्त की. उन्होंने कहा कि उनके इस कदम से पार्टी की विचारधारा को नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि, शिवकुमार ने इस आलोचना को तवज्जो न देते हुए अपनी आस्था को प्राथमिकता देने की बात कही.

'मैं अपनी आस्था में विश्वास रखता हूं'- शिवकुमार

डीके शिवकुमार ने आगे कहा, "मैं अक्सर नॉनविनाकेरे मठ जाता हूं, और लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं अपने समुदाय के मठ में क्यों नहीं जाता. मैं वहां जाता हूं, जहां मेरी आस्था जुड़ी होती है. जहां मैं मानसिक शांति महसूस करता हूं." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न समुदायों के लोग रहते हैं और वे जाति या धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करते. "मेरे निर्वाचन क्षेत्र के 99 प्रतिशत ब्राह्मण मुझे वोट देते हैं. क्या हम यह कह सकते हैं कि सभी ब्राह्मण भाजपा को वोट देते हैं? मैं सिद्धांतों की राजनीति करता हूं, न कि जाति और धर्म की," उन्होंने कहा.

भाजपा के करीब जाने को किया खारिज 

बढ़ती अटकलों के बीच, डीके शिवकुमार ने उन रिपोर्ट्स को पूरी तरह से खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि वे भाजपा के करीब जा रहे हैं. उन्होंने इसे "झूठा प्रचार" बताते हुए कहा, "मैं एक कांग्रेसी के रूप में जन्मा हूं और इस विचारधारा को संजोकर रखा है. यह गलत प्रचार किया जा रहा है कि मैं भाजपा के करीब जा रहा हूं, जो कि मेरे खिलाफ एक साजिश है." उन्होंने आगे कहा, "मैं एक हिंदू हूं और सभी संस्कृतियों का सम्मान करता हूं. कांग्रेस की विचारधारा सभी को साथ लेकर चलने की है. महात्मा गांधी, नेहरू और इंदिरा गांधी ने भी यही किया था. मैंने सोनिया गांधी को उगादि त्योहार मनाते देखा है. कांग्रेस भारतीयता को अपनाने वाली पार्टी है, और हमारे पास ऐसा नेतृत्व है."

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28 February 2025, 12:01 PM IST

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