चलती ट्रेन से लापता हुई थी अर्चना तिवारी, 12 दिन बाद पुलिस को मिली सकुशल... जानें क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश में न्यायिक सेवा की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी अचानक ट्रेन यात्रा के दौरान लापता हो गई थीं. पुलिस ने व्यापक खोज अभियान चलाया, जिसमें CCTV, डॉग स्क्वॉड और मोबाइल डेटा की मदद ली गई. वह एक कांस्टेबल के संपर्क में थीं और बाद में सुरक्षित मिल गईं. पुलिस अभी जांच में जुटी है. परिवार ने पुष्टि की कि अर्चना जीवित और सुरक्षित हैं.

Madhya Pradesh civil judge Aspirant Missing : मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से चर्चा में रही एक रहस्यमय लापता होने की घटना आखिरकार अपने अंजाम तक पहुंच गई. 29 वर्षीय अर्चना तिवारी, जो कि सिविल जज बनने की तैयारी कर रही थीं, आखिरकार पुलिस के हाथ लग गई हैं. उनकी तलाश में राज्यभर में हलचल मच गई थी, लेकिन अब पुष्टि हो गई है कि वह सुरक्षित हैं और जिंदा हैं.
ट्रेन यात्रा के दौरान हुई थीं लापता
मोबाइल लोकेशन और सुरागों से खुला राज
उनके मोबाइल की अंतिम लोकेशन भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पर मिली और फिर फोन का इंटरनेट इटारसी में एक्टिव हुआ, जिससे पुलिस को शक हुआ कि उस समय कोई इंटरनेट कॉल की गई होगी. इसके बाद मोबाइल पूरी तरह बंद हो गया. इस संकेत ने पुलिस को अनुमान लगाने में मदद की कि वह ट्रेन से उतर चुकी थीं और कहीं और चली गई थीं.
खोज अभियान में कैमरे, कुत्ते और ड्रोन तैनात
अर्चना की तलाश में पुलिस ने 97 रेलवे स्टेशनों के CCTV फुटेज खंगाले. इसके अलावा तीन टीमें गठित की गईं, जिन्होंने मिडघाट के जंगलों और पहाड़ी इलाकों को स्निफर डॉग्स, गोताखोरों और ड्रोन की मदद से छाना. उनके कॉल रिकॉर्ड, सोशल मीडिया, दोस्तों, सहपाठियों और ट्रेन के स्टाफ जैसे कि टिकट चेकर, कोच अटेंडेंट और सह-यात्रियों से भी पूछताछ की गई.
एक कांस्टेबल से संपर्क में थीं अर्चना
जांच के दौरान यह सामने आया कि अर्चना ग्वालियर में तैनात एक कांस्टेबल के संपर्क में थीं. पुलिस इस कांस्टेबल से पूछताछ कर रही है, क्योंकि माना जा रहा है कि वह घटना से संबंधित कुछ अहम जानकारी दे सकता है. सूत्रों के मुताबिक, अर्चना ने अपनी मां से संपर्क किया और अपनी लोकेशन भी साझा की. इसके बाद रेलवे पुलिस की एक टीम उन्हें लेने के लिए रवाना हो गई.
परिवार ने दी पुष्टि, पुलिस जल्द करेगी खुलासा
वही, इस पूरे मामले पर अर्चना के भाई दिव्यांशु मिश्रा ने एक मीडिया से बातचीत में पुष्टि की है कि अर्चना सकुशल हैं. उन्होंने बताया कि मामले से जुड़ी विस्तृत जानकारी पुलिस द्वारा जल्द साझा की जाएगी. हालांकि पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोधा ने कहा कि उन्हें कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, लेकिन उन्होंने अभी इस पर सार्वजनिक रूप से अधिक जानकारी नहीं दी है.
इस घटना ने न केवल पूरे राज्य को चिंता में डाल दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि आधुनिक तकनीक, कैमरा निगरानी और समर्पित पुलिस कार्य से किसी भी लापता व्यक्ति का पता लगाया जा सकता है. अर्चना तिवारी का सुरक्षित मिलना राहत की बात है, लेकिन जांच अब इस ओर केंद्रित है कि आखिर वे अचानक कहां गई थीं और क्यों.


