Assam BTC Elections: भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी टकराव आज, कौन मारेगा बाजी?
Assam BTC Elections: असम की राजनीति में आज बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) का चुनाव न सिर्फ बोडोलैंड की सत्ता तय करेगा बल्कि पूरे राज्य की आगामी सियासत की दिशा भी प्रभावित करेगा. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और कांग्रेस नेता गौरव गोगोई के लिए यह चुनाव उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक पकड़ की अहम परीक्षा है.

Assam BTC Elections: असम की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम है. आज बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के चुनाव से न केवल बोडोलैंड क्षेत्र की सत्ता तय होगी, बल्कि पूरे राज्य की आगामी सियासत का भी रुख साफ होगा. इस चुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, इसलिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय दल इसे अपनी राजनीतिक ताकत और पकड़ का बड़ा परीक्षण मान रहे हैं.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तथा लोकसभा उपनेता गौरव गोगोई के लिए यह चुनाव उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक प्रभाव का निर्णायक कदम साबित होगा. परिषद में कुल 46 सीटें हैं, जिनमें से 40 पर प्रत्यक्ष चुनाव होते हैं और छह सदस्य नामित किए जाते हैं.
बीटीसी चुनाव का पिछला हाल
2020 के बीटीसी चुनाव में बोडो पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जिसने 17 सीटें जीती थीं, लेकिन बहुमत हासिल नहीं कर सकी. उसी चुनाव में यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने 12 और भाजपा ने 9 सीटें जीती थीं. परिणामस्वरूप यूपीपीएल और भाजपा ने गठबंधन कर परिषद में सरकार बनाई, जबकि बीपीएफ विपक्ष में बैठ गई.
इस बार की राजनीतिक रणनीति
इस बार चुनावी समीकरण बदल चुके हैं. यूपीपीएल सभी 40 सीटों पर चुनाव मैदान में है, जबकि भाजपा ने 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. दूसरी ओर, कांग्रेस ने पूरे दमखम के साथ सभी 40 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं. कांग्रेस की पिछली स्थिति बेहद कमजोर रही थी, जब उसे केवल एक सीट पर संतोष करना पड़ा था.
गोगोई के हाथ में कांग्रेस का नेतृत्व
कांग्रेस का नेतृत्व अब गौरव गोगोई के हाथ में है. गोगोई असम से ही लोकसभा सांसद हैं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं. उनके लिए यह चुनाव साख की लड़ाई है. गोगोई भाजपा सरकार पर हमला कर बोडो समझौते के अधूरे वादों को प्रमुख मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
भाजपा का विकास और शांति का दावा
भाजपा मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की छवि और उनके कामकाज के भरोसे मैदान में है. पिछले पांच वर्षों में बोडोलैंड क्षेत्र में अपेक्षाकृत शांति रही है और कोई बड़ी हिंसक घटना सामने नहीं आई. भाजपा इसे अपनी उपलब्धि बताकर मतदाताओं को आकर्षित करने में जुटी है. पार्टी का दावा है कि उसने विकास की गति तेज की है और बोडो समाज की आकांक्षाओं को पूरा किया है. यही कारण है कि भाजपा ने यूपीपीएल के साथ गठबंधन में रहते हुए भी स्वतंत्र रूप से अधिक सीटों पर दांव लगाया है.


