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बंगाल में स्कूल कैंपस में BLO की मौत, SIR के दबाव का आरोप...जांच में जुटी पुलिस

पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में बूथ लेवल ऑफिसर और स्कूल शिक्षक हराधन मंडल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से प्रशासन में हड़कंप मच गया है. स्कूल परिसर से शव मिलने के साथ एक नोट भी बरामद हुआ, जिसमें काम के दबाव का जिक्र बताया गया है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

बंगाल : पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में चिंता बढ़ा दी है. रविवार सुबह रानीबांध ब्लॉक स्थित एक स्कूल परिसर से BLO हराधन मंडल का शव बरामद होने की खबर फैलते ही इलाके में सनसनी मच गई. यह मामला ऐसे वक्त सामने आया है, जब राज्य में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया चल रही है और उस पर पहले से ही दबाव व विवाद की स्थिति बनी हुई है.

मंडल पेशे से एक स्कूल शिक्षक थे

पुलिस के अनुसार, हराधन मंडल पेशे से एक स्कूल शिक्षक थे और रानीबांध ब्लॉक के राजाकाटा इलाके में बूथ नंबर 206 के लिए बूथ लेवल ऑफिसर के रूप में कार्यरत थे. BLO के तौर पर उनकी जिम्मेदारी मतदाता सूची से जुड़े कार्यों को समय पर पूरा करने की थी. रविवार सुबह जब उनका शव स्कूल परिसर में मिला, तो स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने क्षेत्र को सुरक्षित किया और शुरुआती जांच शुरू की.

घटनास्थल से एक हस्तलिखित नोट
पुलिस को घटनास्थल से एक हस्तलिखित नोट भी मिला है, जिस पर मृतक के हस्ताक्षर बताए जा रहे हैं. प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, नोट में हराधन मंडल ने कार्यभार और दबाव का जिक्र किया है. पुलिस ने इस नोट को जब्त कर लिया है और फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है ताकि इसकी प्रामाणिकता और संदर्भों की पुष्टि की जा सके. इसके साथ ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, जिससे मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके.

जांच के सभी पहलुओं पर नजर
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी. यह स्पष्ट करने की कोशिश की जा रही है कि यह मामला किसी व्यक्तिगत कारण से जुड़ा है या फिर पेशेवर दबाव ने इसमें भूमिका निभाई है. जांच में तकनीकी सबूतों, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और आसपास के लोगों के बयान अहम होंगे. पुलिस यह भी देख रही है कि हाल के दिनों में मृतक पर काम को लेकर कितना दबाव था और उनकी मानसिक स्थिति कैसी थी.

प्रक्रिया के दौरान अब तक कई लोगों की मौत
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया चल रही है. इस प्रक्रिया को लेकर पहले से ही कई तरह की आशंकाएं और आरोप लगाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में दावा किया था कि इस प्रक्रिया के दौरान अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कुछ बूथ लेवल ऑफिसर भी शामिल बताए गए थे. इस बयान के बाद SIR से जुड़े कार्यों पर पड़ने वाले दबाव को लेकर बहस और तेज हो गई है.

प्रशासनिक तंत्र पर सवाल
हराधन मंडल की मौत ने एक बार फिर चुनावी और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के बोझ को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. BLO जैसे जमीनी स्तर के कर्मचारियों पर समयसीमा और लक्ष्यों का दबाव अक्सर रहता है. ऐसे में यह मामला केवल एक व्यक्ति की मौत तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में कामकाजी दबाव और सहायक तंत्र की समीक्षा की जरूरत को भी उजागर करता है.

फिलहाल पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के नतीजों के बाद ही हराधन मंडल की मौत के कारणों पर कोई स्पष्ट निष्कर्ष निकाला जा सकेगा. प्रशासन भी मामले पर नजर बनाए हुए है. इस घटना ने राज्य में चल रही SIR प्रक्रिया और उससे जुड़े कर्मचारियों की कार्यस्थितियों पर गंभीर चर्चा छेड़ दी है, जिसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है.

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