हरिमंदिर साहिब बम धमकी मामला: दो आरोपी तमिलनाडु से गिरफ्तार
सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब को RDX से उड़ाने की धमकी देने वाले दो आरोपियों को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया गया है. इन धमकियों में मुख्यमंत्री भगवंत मान और सांसद गुरजीत औजला को भी निशाना बनाया गया था. गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जांच और सतर्कता और बढ़ा दी है.

अमृतसर के पवित्र सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब (Golden Temple) को RDX विस्फोट से उड़ाने की धमकी देने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों को तमिलनाडु से पकड़ा गया है. अमृतसर पुलिस और खुफिया एजेंसियों के संयुक्त ऑपरेशन के बाद इनकी गिरफ्तारी हुई, जिससे पूरे राज्य में हलचल मच गई है. पुलिस ने बताया कि धमकी देने वाले ईमेल्स की जांच करते हुए IP एड्रेस के आधार पर आरोपियों का लोकेशन ट्रेस किया गया था.
पिछले कुछ दिनों में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) को कुल पांच धमकी भरे ईमेल मिले थे, जिनमें हरिमंदिर साहिब को RDX से उड़ाने की बात कही गई थी. ये ईमेल्स सिर्फ़ दरबार साहिब तक सीमित नहीं थे, बल्कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला को भी निशाना बनाने की धमकी दी गई थी.
संभावित उद्देश्यों पर जांच जारी
धमकियों के बाद दरबार साहिब की सुरक्षा अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ा दी गई थी. पंजाब पुलिस, अर्धसैनिक बल और SGPC टास्क फोर्स ने दरबार साहिब और आसपास के इलाकों में सुरक्षा घेरे को और सख्त कर दिया था. बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड को भी तैनात किया गया था. हर रोज हज़ारों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल पर आते हैं, ऐसे में कोई चूक न हो, इसके लिए हर कोना खंगाला गया. सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों का उद्देश्य माहौल को बिगाड़ना और धार्मिक भावनाओं को आहत करना था. हालांकि, अभी तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि उनका किसी आतंकी संगठन से कोई संबंध है या नहीं.
आरोपियों से अमृतसर में होगी गहन पूछताछ
पुलिस अब दोनों आरोपियों को अमृतसर लाकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. जल्द ही पुलिस की ओर से इस पूरे मामले में बड़ा खुलासा किया जा सकता है. पंजाब पुलिस का कहना है कि किसी भी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी. धमकी देने वालों की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय श्रद्धालुओं में थोड़ी राहत की भावना ज़रूर आई है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां अब भी सतर्क हैं और निगरानी लगातार जारी है.


