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कक्षा 1-5 में हिंदी हुई अनिवार्य, तो सड़कों पर उतरेगी MNS, बंद कराएंगे महाराष्ट्र के स्कूल...राज ठाकरे की चेतावनी

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने मीरा-भायंदर की रैली में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार कक्षा 1 से 5 तक हिंदी अनिवार्य करती है, तो एमएनएस स्कूल बंद करवा देगी.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने ठाणे जिले के मीरा-भायंदर में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार कक्षा 1से 5 तक हिंदी विषय को अनिवार्य करने का निर्णय लागू करती है, तो मेरी पार्टी पूरे महाराष्ट्र में स्कूल बंद करने से पीछे नहीं हटने वाली.

मराठी की पहचान को कमजोर करने की कोशिश

राज ठाकरे ने महाराष्ट्रीयनों से अपील की कि वे राज्य में मराठी भाषा की उपेक्षा नहीं होने दें. उन्होंने कहा कि हिंदी को थोपने की यह कोशिश मराठी की पहचान को कमजोर करने की दिशा में एक कदम है. हाल ही में एक घटना में, MNS कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार पर हमला किया, क्योंकि उसने मराठी में बात करने से मना कर दिया था. यह घटना पार्टी के भाषाई रुख को और उजागर करती है.

तीन-भाषा फॉर्मूले पर सरकार की सफाई

मुख्यमंत्री फडणवीस ने बाद में सफाई दी कि सरकार तीन-भाषा नीति लागू करने पर विचार कर रही है. लेकिन हिंदी को कक्षा 1 से पढ़ाया जाए या 5 से, इसका निर्णय विशेष समिति लेगी. इस पर राज ठाकरे ने खुला चैलेंज देते हुए कहा, “जब पहले सरकार ने ऐसा प्रयास किया था, हमने दुकानें बंद करवा दी थीं. अब अगर फिर हिंदी थोपी गई, तो स्कूल बंद कर देंगे.”

मुंबई को गुजरात से जोड़ने की साजिश

राज ठाकरे ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदी थोपने का असली उद्देश्य मुंबई की पहचान को कमजोर करना है और धीरे-धीरे उसे गुजरात से जोड़ने की तैयारी है. उन्होंने आगे कहा कि हिंदी मात्र 200 साल पुरानी भाषा है, वहीं मराठी 2500 से 3000 हजार साल पुरानी भाषा है.

बीजेपी नेताओं पर सीधा हमला

राज ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर भी निशाना साधा, जिन्होंने कथित तौर पर "पटख-पटख कर मारेंगे" जैसे शब्द कहे थे. ठाकरे ने पलटवार करते हुए कहा, “हम डुबो-डुबो कर मारेंगे.” उन्होंने आज़ादी के बाद मोरारजी देसाई और वल्लभभाई पटेल के कथित मराठी विरोधी रवैये की भी चर्चा की.

हिंदी विरोध नहीं, बल्कि थोपने का विरोध

राज ठाकरे ने स्पष्ट किया कि उन्हें किसी भाषा से व्यक्तिगत रूप से विरोध नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके पिता हिंदी के अच्छे जानकार थे और वह स्वयं हिंदी बोलने में पारंगत हैं, लेकिन किसी भाषा को जबरदस्ती थोपने के खिलाफ हैं. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे महाराष्ट्र में हर जगह मराठी में बोलें और दूसरों से भी मराठी में संवाद करने को कहें.

राज ठाकरे का यह भाषण राज्य की भाषा नीति पर बढ़ते विवाद के बीच आया है. मराठी भाषा की पहचान, क्षेत्रीय गर्व और हिंदी को लेकर विवाद ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में गर्मी ला दी है. अब देखना होगा कि राज्य सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है.

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18 July 2025, 11:51 PM IST

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