न्यू ईयर पर वैष्णो देवी में भारी भीड़, श्राइन बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला...यात्रा का रजिस्ट्रेशन हुआ सस्पेंड

नए साल पर वैष्णो देवी सहित देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. हालात को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने 1 जनवरी सुबह तक वैष्णो देवी यात्रा का रजिस्ट्रेशन रोक दिया. मथुरा-वृंदावन, अयोध्या और काशी जैसे तीर्थों में भी श्रद्धालुओं का सैलाब है. युवा बड़ी संख्या में दर्शन कर नए साल की शुरुआत ईश्वर के आशीर्वाद से करना चाहते हैं.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

जम्मू-कश्मीर : नए साल के अवसर पर जम्मू-कश्मीर स्थित श्री माता वैष्णो देवी धाम में श्रद्धालुओं की संख्या ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. हालात ऐसे बन गए हैं कि कई जगहों पर पैर रखने तक की जगह नहीं बची. लगातार बढ़ती भीड़ के कारण न सिर्फ श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि प्रशासन और श्राइन बोर्ड के सामने भी व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से चलाना बड़ी चुनौती बन गया है. इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने अहम निर्णय लेते हुए 1 जनवरी की सुबह तक यात्रा पंजीकरण को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी जा सके.

नए साल पर पर्यटन स्थलों पर जबरदस्त भीड़
आपको बता दें कि सिर्फ वैष्णो देवी ही नहीं, बल्कि नए साल पर देशभर के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है. श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग, मनाली, शिमला और नैनीताल जैसे हिल स्टेशनों में पर्यटकों का सैलाब उमड़ा हुआ है. वहीं मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, काशी, जगन्नाथपुरी, द्वारका, उज्जैन के महाकाल मंदिर और शिरड़ी में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं. साल 2026 की शुरुआत से पहले बड़ी संख्या में लोग ईश्वर के दर्शन कर नए साल का स्वागत करना चाहते हैं.

GEN-Z में बढ़ती धार्मिक रुचि
इस बार एक खास बात यह भी देखने को मिल रही है कि मंदिरों और तीर्थस्थलों पर बड़ी संख्या में युवा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. जिन्हें आमतौर पर GEN-Z कहा जाता है, वे भी नए साल के जश्न के लिए धार्मिक स्थलों को चुन रहे हैं. उनका मानना है कि पार्टी या पिकनिक की बजाय भगवान के दर्शन से नए साल की शुरुआत करना ज्यादा सकारात्मक और शांति देने वाला अनुभव है.

मथुरा-वृंदावन में हालात चुनौतीपूर्ण
मथुरा और वृंदावन में श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक है कि शहर के भीतर चलना तक मुश्किल हो गया है. कई लोग दो-तीन दिन पहले ही वृंदावन पहुंच चुके थे. प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए शहर में वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी है. मंदिर समिति ने बुजुर्गों और छोटे बच्चों के साथ 5 जनवरी तक आने से बचने की अपील की थी, लेकिन श्रद्धालुओं के उत्साह के आगे इसका खास असर देखने को नहीं मिला.

प्रशासन और मंदिर समितियों की तैयारियां
भीड़ को देखते हुए बांके बिहारी मंदिर में दर्शन का समय बढ़ा दिया गया है. श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार खोले गए हैं. भारी संख्या में पुलिस बल और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है, ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो. हालांकि दर्शनों के लिए लोगों को कई-कई घंटों तक लाइन में लगना पड़ रहा है, फिर भी माहौल में संयम और श्रद्धा बनी हुई है.

आस्था के साथ नए साल की शुरुआत
श्रद्धालुओं का कहना है कि वे भगवान के आशीर्वाद के साथ नए साल की शुरुआत करना चाहते हैं. उनके लिए थोड़ी असुविधा या लंबा इंतजार मायने नहीं रखता. यही वजह है कि इतनी भारी भीड़ के बावजूद अधिकतर स्थानों पर शांति और अनुशासन बना हुआ है. नए साल पर उमड़ी यह भीड़ साफ तौर पर दिखाती है कि लोगों के जीवन में आस्था और विश्वास की अहम भूमिका आज भी बनी हुई है.

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