'लग्जरी गाड़ियों से ज्यादा मजा अपनी धरोहर में...' भैंस की सवारी पर वोट डालने निकले बिहार के किसान, अनोखे अंदाज से मचाया तहलका
बिहार के कटिहार में लोकतंत्र और किसानी संस्कृति का अनोखा मिलन देखने को मिला. जहां वोट डालने के जोश में किसान आनंद सिंह अपनी 'बिना ईंधन वाली सवारी' पर सवार होकर घर से सीधे पोलिंग बूथ तक जा पहुंचे.

कटिहार: बिहार के कटिहार जिले से आई एक अनोखी तस्वीर ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. जहां लोग आमतौर पर बाइक या कार से मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं, वहीं एक किसान ने लोकतंत्र के इस उत्सव में अपनी भैंस को सवारी बनाकर मिसाल पेश की है. वोट डालने का जज्बा दिखाने के लिए उन्होंने पारंपरिक देसी अंदाज अपनाया, जिसने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं.
कटिहार के सिरसा निवासी किसान आनंद सिंह अपने गांव से करीब ढाई किलोमीटर दूर स्थित मतदान केंद्र तक भैंस पर सवार होकर पहुंचे. बिना किसी ईंधन के, मिट्टी की खुशबू से लबरेज इस यात्रा ने न केवल लोगों का ध्यान खींचा बल्कि मतदान के प्रति उनके उत्साह को भी बखूबी जाहिर किया.
आनंद सिंह क्या बोले?
मतदान केंद्र पहुंचने के बाद जब लोगों ने उनसे इस अनोखी सवारी के बारे में पूछा, तो आनंद सिंह मुस्कराते हुए बोले- यह किसानी का परिचय है. हम खुद किसान हैं और इसी भैंस से मेरा घर-परिवार चलता है. हमारे अंदर जो मतदान के प्रति उमंग है, उसे लोग जानें, इसलिए भैंस पर बैठकर वोट देने आया हूं. उन्होंने आगे कहा कि लग्जरी गाड़ियां भले ही आरामदायक हों, लेकिन अपनी मिट्टी की धरोहर में जो मजा है, वो किसी कार में नहीं.
‘भैंस मेरी असली साथी है आनंद सिंह ने बताया कि उनके पास कई गाय-भैंस हैं और वह खेती-किसानी के जरिए ही अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. उन्होंने कहा कि शौक से महंगी गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मुझे तो इस भैंस में अपनी मेहनत और पहचान दोनों नजर आती हैं.
भारत में लोकतंत्र का अनोखा उत्सव
आनंद सिंह का यह कदम सिर्फ एक हास्यप्रद दृश्य नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के उस लोकतांत्रिक भाव का प्रतीक है, जो बिना दिखावे के देश के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी निभा रहा है. उन्होंने अपने ठेठ देसी अंदाज में संदेश दिया कि वोट देना सिर्फ अधिकार नहीं, बल्कि गर्व की बात है.


