क्या बिहार में मिलेंगी 100 यूनिट फ्री बिजली? जानें वायरल दावे की हकीकत
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के बीच 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने का दावा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि, बिहार सरकार के वित्त विभाग ने इस खबर को पूरी तरह भ्रामक बताया है और स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई योजना मंजूर नहीं की गई है.

Bihar free electricity: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच सोशल मीडिया पर एक रिपोर्ट तेजी से वायरल हो रही है. वायरल रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नीतीश कुमार सरकार राज्य में हर महीने 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने जा रही है. यह दावा राजनीतिक हलकों और आम जनता में खूब चर्चा का विषय बना हुआ है.
हालांकि अब बिहार सरकार के वित्त विभाग ने इस वायरल रिपोर्ट को झूठा और भ्रामक बताया है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की कोई योजना सरकार द्वारा मंजूर नहीं की गई है और न ही इस पर कोई फैसला लिया गया है. वित्त विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे केवल तथ्यों पर आधारित जानकारी ही साझा करें.
वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि हर माह 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने के किसी प्रस्ताव पर उसकी सहमति नहीं दी गई है। इस विषय में प्रसारित खबरें भ्रामक हैं — कृपया तथ्य पर आधारित जानकारी ही साझा करें।#BiharFinanceDept pic.twitter.com/1m1Q0BOe7S
— Finance Department, Govt. of Bihar (@BiharFinance) July 12, 2025
वित्त विभाग ने दी सफाई
बिहार सरकार के वित्त विभाग ने रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस वायरल दावे पर सफाई दी. विभाग ने कहा, "वित्त विभाग स्पष्ट करता है कि हर महीने 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने के किसी प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं दी गई है. इस संबंध में जो खबरें प्रसारित की जा रही हैं, वे भ्रामक हैं. कृपया केवल तथ्यात्मक जानकारी ही साझा करें." विभाग ने आगे कहा कि इस विषय में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है और ऐसी रिपोर्टें तथ्य पर आधारित नहीं हैं.
सोशल मीडिया पर कैसे फैला फर्जी दावा?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह दावा तेजी से वायरल हो गया कि चुनाव से पहले नीतीश कुमार की सरकार हर परिवार को 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने वाली है. इस खबर को कई यूजर्स ने बिना जांच-पड़ताल के शेयर किया, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. हालांकि, सरकार की ओर से आए स्पष्टीकरण के बाद स्थिति अब स्पष्ट हो गई है.
बिना पुष्टि की खबरें न फैलाएं, सरकार की अपील
वित्त विभाग ने प्रेस रिलीज में मीडिया संस्थानों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की अपुष्ट और भ्रामक खबरों को फैलाने से बचें. विभाग ने जोर दिया कि केवल प्रमाणित और तथ्यपरक जानकारी ही जनता तक पहुंचनी चाहिए ताकि चुनावी माहौल में कोई गलत संदेश न जाए.
243 सीटों होने जा रहा महामुकाबला
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बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. कुल 243 सीटों वाले इस चुनाव में एनडीए बनाम विपक्षी गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा.
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राज्य में फिलहाल भाजपा, जेडीयू, हम और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास गुट) की सरकार है, वहीं विपक्ष में आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई (एमएल) जैसे दल शामिल हैं.
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तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष के रूप में सरकार को घेरने की कोशिशों में जुटे हैं. ऐसे में चुनावी मौसम में इस तरह की फर्जी खबरें राजनीतिक रूप से जनता को गुमराह करने का जरिया बन सकती हैं.


