बाढ़ से जूझते पंजाब को राहत, सरकार ने पेट्रोल, डीजल और गैस सिलेंडरों का किया जिला-वार आवंटन
पंजाब में आई भीषण बाढ़ को देखते हुए पंजाब सरकार ने राहत कार्यों को तेज़ करने के लिए सभी जिलों में पेट्रोल, डीज़ल और गैस सिलेंडरों का आपातकालीन आवंटन किया है. हर जिले को ज़रूरत के अनुसार पेट्रोल पंपों और गैस एजेंसियों को निर्धारित मात्रा में भंडार सौंपा गया है. मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि यह आपूर्ति पारदर्शी और समयबद्ध रूप से की जाए.

Punjab Flood Relief Fuel Distribution : भीषण बाढ़ की आपदा से जूझ रहे प्रदेश में जनजीवन को सामान्य बनाए रखने और ज़रूरी सेवाओं को सुचारू रखने के उद्देश्य से पंजाब सरकार के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने बड़ा निर्णय लिया है. विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में ईंधन और एलपीजी सिलेंडरों का व्यापक आवंटन किया गया है, ताकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की कमी न हो और राहत कार्यों में कोई बाधा न आए.
पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडरों का आवंटन
जिलों को मिला सुनिश्चित भंडार
इस आपदा राहत योजना के अंतर्गत अमृतसर जिले को विशेष प्राथमिकता दी गई है, जहाँ प्रत्येक पेट्रोल पंप को 4,000 लीटर पेट्रोल और डीज़ल दिया गया है, जबकि गैस एजेंसियों को 50 सिलेंडर आवंटित किए गए हैं. वहीं बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फिरोज़पुर और फाज़िल्का जैसे जिलों को उनकी आवश्यकता और स्थिति के अनुसार क्रमशः 1,000 से 3,000 लीटर डीज़ल-पेट्रोल और 25 से 50 सिलेंडरों की आपूर्ति की गई है.
गुरदासपुर, जालंधर, लुधियाना और पटियाला जैसे शहरी और अर्धशहरी ज़िलों में भी आपूर्ति को लेकर कोई कमी न रहे, इसके लिए वहां पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल, डीज़ल और सिलेंडर भेजे गए हैं. मोगा, रूपनगर और एस.बी.एस. नगर जैसे इलाकों में 100 से अधिक सिलेंडरों का भंडारण सुनिश्चित किया गया है, जिससे इन क्षेत्रों में गैस की समस्या न हो.
प्रशासन को दिए गए निर्देश, सुनिश्चित हो समय पर वितरण
राज्य सरकार ने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि ईंधन और गैस का यह आरक्षित भंडार सिर्फ ज़रूरतमंदों तक ही पहुंचे और किसी भी प्रकार की कालाबाज़ारी या जमाखोरी न होने पाए. राहत शिविरों, अस्पतालों, एम्बुलेंस सेवाओं और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को प्राथमिकता देते हुए आपूर्ति की जा रही है.
सरकार का मानना है कि समय रहते यह कदम उठाकर न सिर्फ जन असुविधा को रोका जा सकता है, बल्कि राहत कार्यों की गति भी बनाए रखी जा सकती है. साथ ही, यह निर्णय राज्य के आपदा प्रबंधन के प्रति एक सजग दृष्टिकोण को दर्शाता है, जहाँ प्रशासनिक स्तर पर अग्रिम तैयारी सुनिश्चित की जा रही है.
बाढ़ की मार के बीच राहत का भरोसा
प्रदेश में आई अभूतपूर्व बाढ़ की स्थिति में सरकार का यह कदम प्रभावित जनता को कुछ राहत जरूर देगा. ईंधन और एलपीजी जैसी मूलभूत ज़रूरतों की पूर्ति से न सिर्फ दैनिक जीवन की गाड़ी चलती रहेगी, बल्कि संकट की इस घड़ी में सरकार द्वारा निभाई जा रही भूमिका भी स्पष्ट होती है. अब ज़िम्मेदारी ज़िला प्रशासन पर है कि इस राहत सामग्री का सही, पारदर्शी और समयबद्ध वितरण सुनिश्चित किया जाए.


