ये क्या! बच्चों की गलती लेकिन खुद उठक-बैठक लगाने लगे हेटमास्टर, वीडियो हुआ वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर उठक बैठक लगाते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में वो स्कूल के मंच पर कान पकड़कर 50 उठक-बैठक लगाते हुए नजर आ रहे हैं. भावुक हुए बच्चों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने आत्म-अनुशासन का संदेश देने के लिए यह कदम उठाया. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है?

आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले से एक अनोखी घटना सामने आई है, जहां एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर ने बच्चों की पढ़ाई में सुधार न होने पर खुद को ही दंडित कर लिया. उन्होंने स्कूल के मंच पर छात्रों के सामने कान पकड़कर उठक-बैठक लगाई. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसे देखकर लोग हैरान भी हैं और भावुक भी.
हेडमास्टर की इस अनूठी सजा का वीडियो सामने आते ही चर्चा का विषय बन गया. जहां कुछ लोग इसे अनुशासन और आत्मनिरीक्षण का बेहतरीन उदाहरण बता रहे हैं, वहीं कुछ इसे शिक्षा व्यवस्था की खामियों की ओर इशारा करने वाला कदम मान रहे हैं.
हेडमास्टर ने क्यों दी खुद को सजा?
विजयनगरम जिले के बोब्बिली मंडल स्थित पेंटा जिला परिषद हाई स्कूल के हेडमास्टर चिंता रमण ने छात्रों के कमजोर प्रदर्शन से निराश होकर मंच पर सार्वजनिक रूप से खुद को दंडित किया. उन्होंने कहा, "हम आपको डांट नहीं सकते, मार नहीं सकते, लेकिन फिर भी पढ़ाई में सुधार नहीं हो रहा. गलती हमारी है या आपकी? अगर आप मानते हैं कि गलती हमारी है, तो मैं खुद को सजा दूंगा. इतना कहने के बाद हेडमास्टर ने फर्श पर दंडवत प्रणाम किया और फिर कान पकड़कर उठक-बैठक लगाना शुरू कर दिया. बच्चों ने पहले चुपचाप यह सब देखा, लेकिन फिर भावुक होकर ज़ोर-ज़ोर से "सर, मत करिए!" कहने लगे. हालांकि, हेडमास्टर ने लगभग 50 उठक-बैठक पूरी की.
విజయనగరం జిల్లా, బొబ్బిలి మండలం, పెంట జెడ్పీ హైస్కూల్ హెడ్మాస్టర్ చింత రమణ గారు పిల్లల విద్యా పురోగతి అంతంతమాత్రంగా ఉందని, చెప్పిన మాట వినడంలేదని....విద్యార్థులను దండించకుండా, గుంజీలు తీసిన వీడియో సోషల్ మీడియా ద్వారా నా దృష్టికి వచ్చింది. హెడ్మాస్టరు గారూ!… pic.twitter.com/Se7zu6uwf5
— Lokesh Nara (@naralokesh) March 13, 2025
मंत्री ने की सराहना, वीडियो हुआ वायरल
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया और राज्य सरकार तक भी पहुंचा. आंध्र प्रदेश सरकार में मंत्री नारा लोकेश ने इसे सकारात्मक कदम बताया और कहा, "हेडमास्टर ने बिना किसी को दंडित किए आत्म-अनुशासन का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है. अगर सभी शिक्षक इसी तरह समर्पित होकर काम करें, तो सरकारी स्कूलों के बच्चे भी शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं."
शिक्षा व्यवस्था पर खड़े हुए सवाल
हेडमास्टर का यह कदम जहां भावुक कर देने वाला है, वहीं यह भारत की शिक्षा प्रणाली की मौजूदा स्थिति पर भी सवाल खड़े करता है. क्या शिक्षकों की मेहनत के बावजूद बच्चे पढ़ाई में सुधार नहीं कर पा रहे? क्या शिक्षा व्यवस्था में कोई गंभीर कमी है? क्या इस तरह के अनुशासनात्मक तरीकों से बदलाव लाया जा सकता है? यह वीडियो केवल हेडमास्टर की भावना ही नहीं दर्शाता, बल्कि हमें यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की कितनी जरूरत है.