score Card

ये हैं दुनिया के सबसे बड़े नास्तिक देश, भारत के पड़ोसी मुल्क का भी नाम शामिल

दुनिया में करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो किसी भी धर्म या ईश्वर में विश्वास नहीं रखते. ये खुद को नास्तिक मानते हैं और धार्मिक रीति-रिवाजों से दूरी बनाकर चलते हैं. हाल के वर्षों में ऐसे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. आइए जानते हैं दुनिया के उन 10 देशों के बारे में, जहां धर्म की जगह तर्क और वैज्ञानिक सोच ने लोगों के जीवन में जगह बना ली है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Atheist countries list: न आस्था, न धर्म, न भगवान – दुनिया के करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो खुद को पूरी तरह नास्तिक मानते हैं. वो न ईश्वर को मानते हैं, न अल्लाह को, न ही किसी और देवी-देवता या धर्म में विश्वास रखते हैं. इनकी तादाद दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और सबसे बड़ी बात ये कि इन देशों में धार्मिक पहचान की जगह तर्क, विज्ञान और मानवता की सोच तेजी से उभर रही है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में करीब 190 करोड़ लोग अब किसी भी धर्म या धार्मिक विचारधारा से खुद को नहीं जोड़ते. वर्ष 2010 में यह संख्या 160 करोड़ के आसपास थी, लेकिन बीते 15 वर्षों में यह आंकड़ा लगातार बढ़ा है. धर्म से दूरी की यह प्रवृत्ति खास तौर पर विकसित और शिक्षित देशों में तेजी से देखने को मिल रही है. आइए जानते हैं ऐसे 10 प्रमुख देशों के बारे में, जहां नास्तिकों की संख्या सबसे ज्यादा है.

चीन – सबसे अधिक नास्तिक आबादी वाला देश

भारत के पड़ोसी देश चीन में दुनिया की सबसे बड़ी नास्तिक आबादी रहती है. वर्ल्ड पॉपुलेशन सर्वे 2023 के मुताबिक, यहां के 91 फीसदी लोग किसी भी धर्म को नहीं मानते. ये लोग किसी देवी-देवता या धार्मिक अनुष्ठानों में विश्वास नहीं रखते. हालांकि, भगवान बुद्ध को ये अपना आदर्श जरूर मानते हैं, लेकिन देवी-देवता की तरह पूजा नहीं करते. यहां तक कि 61% लोग ईश्वर के अस्तित्व को ही नकार देते हैं.

जापान – परंपरा के बावजूद धर्म से दूरी

जापान में 86 फीसदी लोग खुद को नास्तिक मानते हैं. यहां की संस्कृति में धार्मिक परंपराएं जरूर शामिल हैं, जैसे शिंतो धर्म, लेकिन इसके अनुयायी भी ईश्वर जैसी किसी दिव्य शक्ति में विश्वास नहीं करते. यहां धर्म को सामाजिक रीति-रिवाजों और त्योहारों तक सीमित माना जाता है.

स्वीडन – सेक्युलर सोच का प्रभाव

स्वीडन में 78 फीसदी लोग किसी भी धर्म में आस्था नहीं रखते. इस देश में सैक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) तेजी से बढ़ा है. केवल 8% लोग ही किसी धर्म से जुड़ाव रखते हैं. यहां लोगों का मानना है कि धर्म का समाज में कोई विशेष योगदान नहीं है.

नॉर्थ कोरिया – आधिकारिक रूप से नास्तिक राज्य

उत्तर कोरिया को आधिकारिक तौर पर नास्तिक राष्ट्र माना जाता है. यहां की 73% आबादी किसी भी धर्म को नहीं मानती. हालांकि, कुछ लोग शमनवाद, चोंडोवाद, बौद्ध धर्म और ईसाई धर्म से जुड़े हुए हैं, लेकिन इनकी संख्या बहुत कम है.

चेक गणराज्य – यूरोप का नास्तिक राष्ट्र

चेक रिपब्लिक में धर्म से मोहभंग की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है. यहां के 73% लोगों ने ईसाई धर्म त्याग दिया है. केवल 12% लोग ही धार्मिक स्थलों पर जाते हैं. युवाओं में विशेष रूप से नास्तिकता का रुझान देखने को मिलता है.

वियतनाम – परंपरा और तर्क का मेल

वियतनाम में 68% लोग किसी भी धार्मिक आस्था से जुड़े नहीं हैं. यहां बौद्ध धर्म का ऐतिहासिक प्रभाव रहा है, लेकिन अब नई पीढ़ी में तर्क और वैज्ञानिक सोच को प्राथमिकता दी जा रही है.

नीदरलैंड – खुली सोच का देश

नीदरलैंड में 51% आबादी किसी भी धार्मिक विश्वास को नहीं मानती. यहां शिक्षा और स्वतंत्र विचारधारा के चलते धर्म से दूरी बनाना आम हो गया है. समाज में धर्म की भूमिका तेजी से कम होती जा रही है.

फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, उरुग्वे और यूनाइटेड किंगडम – धर्म से अलग पहचान

इन देशों में भी बड़ी संख्या में लोग खुद को अग्नोस्टिक या एथीस्ट मानते हैं. यहां की जनता धर्म की बजाय मानवीय मूल्यों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देती है.

अमेरिका – नास्तिकता में तेजी

अमेरिका जैसे धार्मिक देश में भी नास्तिकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. यहां 10.09 करोड़ लोग किसी भी धर्म को नहीं मानते. खासकर युवाओं में यह प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है.

जर्मनी, रूस और ब्राजील – धर्म से मोहभंग

जर्मनी में 3.02 करोड़, रूस में 2.96 करोड़ और ब्राजील में 2.81 करोड़ लोग किसी भी धार्मिक आस्था से दूर हैं. इन देशों में धार्मिक संस्थाओं से लोगों का विश्वास धीरे-धीरे उठता जा रहा है.

नास्तिक क्यों बन रहे हैं लोग?

विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती शिक्षा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और धार्मिक कट्टरता के प्रति आक्रोश के चलते दुनिया भर में लोग धर्म से दूर हो रहे हैं. कई लोगों का मानना है कि "धर्म समाज में नफरत और विभाजन फैलाता है", इसलिए वे ईश्वर या किसी धर्म में आस्था रखने से इनकार कर रहे हैं.

calender
01 August 2025, 02:49 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag