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समंदर की बेटी, शहरों की दुश्मन... कैसे जन्म लेती है सुनामी और क्यों बनती है मौत की लहर?

हाल ही में रूस, अमेरिका और जापान के तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी ने पूरी दुनिया को फिर से उस भयावह सच्चाई से रूबरू करा दिया, जो साल 2004 में हिंद महासागर के किनारे बसे लाखों लोगों को लील चुकी है। भले ही इस बार खतरा टल गया हो, लेकिन सवाल अब भी कायम है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

हाल ही में रूस, अमेरिका और जापान के तटीय इलाकों में सुनामी के खतरे की घंटी बजी थी, जो सौभाग्य से टल गई. लेकिन यह सवाल फिर से उठ खड़ा हुआ कि आखिरकार सुनामी कैसे जन्म लेती है, गहराई से उठकर किनारे आते-आते कैसे रफ्तार बदलती है, और क्यों यह समुद्र की शांति को विनाश की लहरों में बदल देती है?

सुनामी कोई आम लहर नहीं होती. यह प्रकृति की वह विनाशकारी शक्ति है, जो समुद्र के सीने में पनपती है और किनारों को निगल जाती है. आइए, समझते हैं इस तबाही की ताकत के पीछे छिपा विज्ञान.

सुनामी क्या है और कैसे बनती है?

सुनामी का मतलब होता है "बंदरगाह की लहरें" (Harbor Waves). यह विशाल समुद्री लहरें होती हैं, जो समुद्र तल में अचानक हुई हलचल की वजह से बनती हैं. यह हलचल प्राकृतिक रूप से भूकंप, समुद्री भूस्खलन या ज्वालामुखी विस्फोट के कारण होती है. जब समुद्र के नीचे की टेक्टोनिक प्लेटें हिलती हैं, तो पानी में अचानक जबरदस्त ऊर्जा पैदा होती है, जो लहरों के रूप में फैलती है.

समुद्र के भीतर शांत लेकिन तेज

गहरे समुद्र में जब सुनामी की शुरुआत होती है, तब इसकी लहरें ऊंचाई में केवल 2 से 3 मीटर होती हैं, लेकिन इसकी रफ्तार बुलेट ट्रेन से भी तेज़ यानी 800 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है. क्योंकि समुद्र की गहराई बहुत ज़्यादा होती है, वहां लहरों को फैलने के लिए जगह मिलती है, इसलिए ऊंचाई कम रहती है और गति तेज.

तट पर आते-आते बदल जाती है लहरों की शक्ल

जैसे ही यह लहरें तट की ओर बढ़ती हैं, समुद्र की गहराई कम होने लगती है. अब पानी के नीचे फैलने की जगह नहीं मिलती, और वही ऊर्जा ऊपर की ओर उठने लगती है. इसी कारण लहरें ऊंचाई में बढ़ने लगती हैं 10 से 30 मीटर तक की लहरें भी देखी गई हैं, जो किसी बहुमंजिला इमारत जितनी ऊंची हो सकती हैं. वहीं रफ्तार घटकर 20 से 30 किमी प्रति घंटा रह जाती है.

सुनामी की सबसे बड़ी तबाही कब हुई?

26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आई सुनामी ने इतिहास की सबसे भयानक त्रासदी को जन्म दिया था. इस तबाही ने इंडोनेशिया, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देशों को बुरी तरह प्रभावित किया और करीब 2.3 लाख लोगों की जान चली गई. तटीय शहर मलबों में बदल गए और लाखों लोग बेघर हो गए.

समुद्र की ऊंची लहरें क्यों बनती हैं जानलेवा?

गहरे समुद्र में जब सुनामी की ऊंचाई कम होती है, तो वह नजर नहीं आती. लेकिन जैसे ही यह किनारों तक पहुंचती है, इसकी छिपी ऊर्जा एक विशाल दीवार की तरह लहरों में तब्दील हो जाती है. यह लहरें सबकुछ अपने साथ बहा ले जाती हैं घर, गाड़ियां, लोग और पेड़ तक.

क्या सुनामी की भविष्यवाणी संभव है?

आज की आधुनिक तकनीकें जैसे सीस्मोमीटर, बॉय सिस्टम और सैटेलाइट ट्रैकिंग से सुनामी की चेतावनी पहले दी जा सकती है. लेकिन फिर भी, बहुत बार इसका समय बहुत कम होता है. यही कारण है कि तटीय क्षेत्रों में अलर्ट सिस्टम और राहत अभ्यास को प्राथमिकता दी जाती है.

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01 August 2025, 02:35 PM IST

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