प्रयागराज में 'बाहुबली' स्टाइल... कमर तक पानी में पिता ने बचाया बच्चे को, मां ने दिया साथ, देखें वीडियो
प्रयागराज में बाढ़ ने कहर मचा रखा है, जहां आधी आबादी जलमग्न हो चुकी है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक भावुक कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें एक पिता कमर तक भरे बाढ़ के पानी में अपने बच्चे को सिर से ऊपर उठाकर ले जाते नजर आ रहे हैं, ताकि लहरें उसे छू भी न सकें. पीछे-पीछे उसकी मां भी संघर्ष करती हुई चल रही है. यह दृश्य हर किसी के दिल को छू लेने वाला है.

Prayagraj Floods: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक दंपत्ति गहरे बाढ़ के पानी में अपने नवजात शिशु को सिर पर उठाए हुए सुरक्षित स्थान की तलाश करता दिखाई दे रहा है. लगातार हो रही बारिश से पवित्र शहर में पानी की मात्रा बढ़ती जा रही है, जिससे लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. छोटा बघाड़ा इलाके में बाढ़ के इस संकट ने स्थानीय निवासियों की हताशा और तकलीफ को बखूबी बयान किया है. फुटेज में डूबे घर, मंदिर और वाहन के साथ-साथ पानी में तैरते कूड़े के ढेर साफ नजर आते हैं. इस आपदा के बीच लोग अपनी जान-माल बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करते हुए दिख रहे हैं. प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे हालात और भी गंभीर हो गए हैं.
द्वापर युग की तस्वीर कलयुग में एक बार फिर रिलोड हुई है..
हालांकि, ये कंस की जेल में पैदा हुए देवकी और नंद का पुत्र नहीं है..
ये तो प्रयागराज के किसी साधारण माता-पिता की संतान है. प्रयागराज में बाढ़ के चलते शहर की गलियों और सड़कों में इतना पानी भर गया है कि मजबूर दंपति अपनी संतान… pic.twitter.com/4HZUyJMP1T— Vivek K. Tripathi (@meevkt) August 3, 2025
जलमग्न इलाके
लगातार बारिश के कारण प्रयागराज के छोटा बघाड़ा क्षेत्र सहित कई अन्य इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है. गलियां जलमग्न हो चुकी हैं, घर आंशिक या पूरी तरह पानी में डूबे हैं, जिससे लोगों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है. स्थानीय निवासी फंसे हुए हैं और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. बाढ़ का असर धार्मिक अनुष्ठानों पर भी पड़ा है. रसूलाबाद घाट पर स्थित अंतिम संस्कार सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं क्योंकि घाट क्षेत्र भी पानी में डूब चुका है. इस वजह से लोगों को उनके परिजनों के अंतिम संस्कार में भी भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
अधिकारी आंकड़े के अनुसार नुकसान
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, राज्य की 37 तहसीलों के 402 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. रविवार तक लगभग 84,392 लोग इस प्राकृतिक आपदा का शिकार बने हैं. प्रभावित जिलों में कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर प्रमुख हैं.
स्थानीय जनता की मुश्किलें और राहत कार्यों की स्थिति
बाढ़ के बढ़ते पानी से स्थानीय लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. घरों से निकलना खतरे से खाली नहीं है और बुनियादी जरूरतों की पूर्ति मुश्किल हो गई है. अधिकारियों ने राहत कार्यों को तेज किया है, लेकिन बारिश रुकने का कोई संकेत न होने से राहत की उम्मीद कम नजर आ रही है.


