मैं चाय बेचूंगा और घर चलाऊंगा...सस्पेंड होने के बाद इंस्पेक्टर ने SSP ऑफिस के सामने खोली चाय की दुकान, Video वायरल
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक पुलिस इंस्पेक्टर का नया कदम चर्चा का विषय बन गया है. निलंबित इंस्पेक्टर मोहित यादव ने अपने परिवार की आजीविका चलाने के लिए एसएसपी ऑफिस के सामने चाय की दुकान खोल दी है. उनका यह कदम सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और इस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक चाय की दुकान चर्चा का विषय बन गई है. इस दुकान के मालिक कोई और नहीं, बल्कि निलंबित पुलिस इंस्पेक्टर मोहित यादव हैं. मोहित यादव ने अपनी परिवार की आजीविका चलाने के लिए एसएसपी ऑफिस के सामने चाय की दुकान खोल ली है. यह कदम उन्होंने अपने निलंबन और विभागीय जांच के दौरान उठाया है. एक पुलिस इंस्पेक्टर का चाय की दुकान खोलना अपने आप में एक अनोखी घटना है, और यह तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
मोहित यादव का यह कदम न केवल उनकी व्यक्तिगत समस्या को उजागर करता है, बल्कि यह उन व्यवस्था की खामियों को भी सामने लाता है, जो अक्सर कर्मचारियों के साथ होती है. जानिए, आखिर क्या है इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और क्यों मोहित यादव ने यह कदम उठाया.
चाय की दुकान खोलने का निर्णय
निलंबित इंस्पेक्टर मोहित यादव ने कहा कि उन्होंने यह दुकान केवल अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए खोली है. उनका कहना था, "जांच अधिकारी को लिखे गए पत्र का कोई जवाब नहीं मिला, और मेरी पत्नी और मुझ पर नजर रखी जा रही है. मेरे बच्चे स्कूल जाते हैं, इसलिए मैं कोई भी खतरा मोल नहीं ले सकता." उन्होंने यह भी बताया कि वह निलंबन की अवधि के दौरान अपना आधा वेतन भी नहीं लेंगे, बल्कि अपनी चाय की दुकान से ही घर का खर्च चलाएंगे.
झांसी में निलंबित इंस्पेक्टर मोहित यादव ने इलाहट चौराहे पर लगाई चाय की दुकान लगाई तो चर्चा का केंद्र बन गए। पुलिस लाइन के आरआई से हुए विवाद के मामले में हैं निलंबित। pic.twitter.com/7OEvMMqOBa
— SANJAY TRIPATHI (@sanjayjourno) February 3, 2025
पुलिस लाइन में हुए विवाद के बाद हुई निलंबन की कार्रवाई
मोहित यादव का 15 जनवरी को पुलिस लाइन में छुट्टी को लेकर काउंटर इंस्पेक्टर (आरआई) से विवाद हो गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि आरआई ने उनसे दुर्व्यवहार किया, उनके गुप्तांगों पर लात मारी और उन्हें पुलिस लाइन से भगा दिया. इस विवाद के बाद पुलिस ने उन्हें नवाबाद थाने ले जाया और वहां भी मोहित यादव ने अपनी शिकायत लिखवाने के लिए धरने पर बैठकर रोने लगे. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे लेकर कई लोग मोहित यादव के पक्ष में खड़े हो गए.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें मोहित यादव का आक्रोश और दुख साफ नजर आ रहा था. वीडियो में वह फूट-फूट कर रोते हुए कहते दिख रहे हैं कि उन्होंने केवल अपने अधिकारों की रक्षा करने की कोशिश की थी. सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं और इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई. कई लोगों ने मोहित यादव के पक्ष में समर्थन जताया, जबकि कुछ ने विभागीय नियमों का पालन करने की सलाह दी.
प्रशासनिक जांच और निलंबन की प्रक्रिया
नवाबाद थाने के प्रभारी निरीक्षक जतिंदर कुमार सिंह ने बताया कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब मोहित यादव छुट्टी लेने के लिए पुलिस लाइन पहुंचे थे. यहां पर आरआई से विवाद होने के बाद शिकायत की गई और पुलिस लाइन में हुई कहासुनी के बाद मामला थाने तक पहुंच गया. प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.
मोहित यादव की चाय की दुकान अब एक प्रतीक बन गई है कि कैसे निलंबन और प्रशासनिक तंत्र की खामियां व्यक्ति की जिंदगी में असर डाल सकती हैं. उनके इस कदम ने कई सवाल खड़े किए हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो सरकारी व्यवस्था की वास्तविकता को समझने की कोशिश कर रहे हैं.