13 साल से खुले आसमान के नीचे रहने वाली भिखारी के पास मिले 1 लाख कैश और 17kg सिक्के, पुलिस ने शुरू की जांच
रुड़की में एक महिला दिव्यांग भिखारी के पास अचानक खजाना देख सब के सब चौक गए. पुलिस ने जब उसकी संपत्ति की जांच की तो सब दंग रह गए. नोटों की गिनती हुई तो रकम 1 लाख के पार निकली, और साथ में 17 किलोग्राम चमचमाते सिक्के भी बरामद हुए. हैरानी की बात ये कि ये महिला पिछले 13 साल से रुड़की की सड़कों पर भीख मांग रही थी.

मंगलौर के पठानपुरा मोहल्ले में शुक्रवार को एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जब एक मानसिक रूप से दिव्यांग भिखारिन के पास एक पुराने मकान के बाहर पड़े बोरों से एक लाख रुपये से अधिक की रकम और 17 किलोग्राम सिक्के मिले. यह रकम उस समय बरामद हुई जब भिखारिन को किसी कार्य के चलते वहां से हटाया जा रहा था. रुपये और सिक्के देखकर वहां मौजूद लोग भी हैरान रह गए. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी.
यह घटना उस महिला के जीवन की एक अजीब और चौंकाने वाली जानकारी को उजागर करती है, जो पिछले 13 सालों से इस इलाके में एक पुराने घर के बाहर भीख मांग कर अपना गुजर-बसर कर रही थी. महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, और इस कारण वह बोलने-चालने में भी असमर्थ थी. उसे मोहल्ले के लोग समय-समय पर मदद किया करते थे, लेकिन किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह इतने पैसों की मालिक थी.
एक लाख रुपये और सिक्कों का खजाना
जब महिला को मकान के बाहर से हटाने के लिए उसका सामान उठाया जा रहा था, तभी एक थैले से अचानक रुपये गिरने लगे. आसपास मौजूद लोग तुरंत दंग रह गए और उन्होंने नोटों और सिक्कों को देखा. इन नोटों की गिनती करने पर कुल एक लाख रुपये से अधिक की राशि मिली. इसके अलावा 17 किलोग्राम सिक्के भी निकले, जो महिला के पास थे. सिक्कों का वजन और नोटों की संख्या दोनों ही चौकाने वाले थे.
पुलिस ने शुरू की जांच, महिला की पहचान...
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की गंभीरता को समझा और महिला से पूछताछ की कोशिश की, लेकिन वह संवाद करने में असमर्थ थी. पुलिस के अनुसार, महिला के पास किसी भी प्रकार का पहचान पत्र या डॉक्यूमेंट नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है. मंगलौर कोतवाली के इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने कहा कि हम महिला की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. फिलहाल उसे किसी सुरक्षित स्थान पर भेजा जाएगा, जहां उसे चिकित्सकीय सहायता और पुनर्वास की सुविधा मिल सके.
यह घटना मोहल्ले के लोगों के लिए भी चौंकाने वाली थी, क्योंकि वे महिला की मदद करते हुए यह सोचते थे कि वह केवल कुछ पैसे ही इकट्ठा कर पाई होगी. अब, यह एक रहस्य बन गया है कि महिला के पास इतनी बड़ी राशि कैसे जमा हो गई.
महिला को मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरी
पुलिस के मुताबिक, महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और वह लंबे समय से किसी मदद की उम्मीद से बाहर जी रही थी. महिला को एक सुरक्षित स्थान पर भेजने का फैसला लिया गया है ताकि उसे इलाज और रहने के लिए सही जगह मिल सके. इस घटना ने समाज में एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया है कि ऐसे मानसिक रूप से असहाय लोगों को समाज में सही सहायता और पुनर्वास किस तरह से उपलब्ध कराया जाए.


