हर दिन दम तोड़ रहा शेयर बाजार, 7 दिनों से लाल है ‘लाल’ स्ट्रीट, आगे और कितना होगा निवेशकों का नुकसान?
फरवरी महीने के आखिरी दिन शेयर बाजार ने एक बार फिर से जोरदार गिरावट दर्ज किया गया है. पिछले सात दिनों से ‘लाल’ स्ट्रीट पर हाहाकार मचा हुआ है, जहां निवेशकों के पोर्टफोलियो में लगातार लाल निशान नजर आ रहे हैं. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही गिरावट के शिकार हो चुके हैं, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है. शेयर बाजार में यह लगातार गिरावट ऐसे समय में आई है जब बाजार में पहले से ही अनिश्चितता का माहौल था, और अब सवाल उठ रहा है कि आगे और कितना नुकसान होने वाला है.

फरवरी महीने का अंतिम दिन शेयर बाजार के लिए एक और झटका लेकर आया. जैसे ही मार्केट खुला, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही भारी गिरावट के साथ खुले. पिछले कुछ महीनों से बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है, जिससे निवेशकों के पोर्टफोलियो की हालत बिगड़ रही है. जब से ये गिरावट शुरू हुई है, निवेशकों का लाखों करोड़ रुपये डूब चुका है और यह संकट अब भी जारी है.
इस समय भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. पिछले कुछ दिनों से यह गिरावट तेज़ होती जा रही है, जिससे बाजार में एक डर का माहौल बन चुका है. शेयर बाजार में फैली इस गिरावट ने निवेशकों की चिंताएँ बढ़ा दी हैं और सवाल यह उठने लगा है कि इस गिरावट का अंत कब होगा और कितना और गिर सकता है.
आज भी सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट
फरवरी के अंतिम दिन भी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान पर खुले, जिससे निवेशकों में बेचैनी का माहौल बना. खबर लिखे जाने तक, सेंसेक्स 700 अंक से ज्यादा गिर चुका था और निफ्टी 200 अंक से नीचे चला गया था. इस दौरान बाजार के करीब 1700 शेयरों में गिरावट आई, जबकि केवल 539 शेयरों में तेजी देखी गई.
निवेशकों के लाखों करोड़ डूबे
मार्केट खुलते ही निवेशकों को 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ. बीएसई (Bombay Stock Exchange) पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 4.46 लाख करोड़ रुपये घट चुका है. बीते दिन, 27 फरवरी 2025 को बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 3,93,10,210.53 करोड़ रुपये था, जो 28 फरवरी 2025 को घटकर 3,93,10,210.53 करोड़ रुपये पर आ गया. इसका मतलब है कि निवेशकों की पूंजी 4,27,514.1 करोड़ रुपये घट गई है.
क्या है गिरावट का कारण?
इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारण हैं, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का नया टैरिफ ऐलान, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और भारत के जीडीपी आंकड़े प्रमुख कारणों के रूप में सामने आ रहे हैं.
ट्रंप का टैरिफ ऐलान ने बढ़ाया ग्लोबल दबाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने 27 फरवरी को ऐलान किया कि वह 4 मार्च से मैक्सिको और कनाडा से आने वाले सामान पर 25% टैरिफ और चीन से आने वाले सामान पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाएंगे. उनके इस ऐलान ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा.
एफआईआई की बिकवाली बनी गिरावट की वजह
विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय शेयर बाजारों में लगातार बिकवाली कर रहे हैं, जिससे बाजार में गिरावट तेज़ हो रही है. उनके इस कदम ने बाजार को और दबाव में ला दिया है.
निवेशकों में अनिश्चितता
भारत की तीसरी तिमाही के जीडीपी डेटा ने भी निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल पैदा किया है. आंकड़ों के आधार पर, बाजार पर इसका प्रभाव पड़ सकता है और निवेशकों के मन में भी चिंता बनी हुई है.
क्या और गिर सकता है बाजार?
मार्केट के विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार अभी ओवरवैल्यूड हैं, यानी इकोनॉमी के मुकाबले स्टॉक्स की कीमतें काफी ज्यादा हैं. इस बीच, कई कंपनियों के शेयर 50% से भी ज्यादा गिर चुके हैं. यह स्थिति और गिरावट की ओर इशारा करती है. बाजार के जानकारों का कहना है कि अगर यह गिरावट जारी रहती है, तो बाजार और गिर सकता है.


