अमेरिका ने हमें रोका...17 साल बाद चिदंबरम का 26/11 का बड़ा कबूलनामा, बीजेपी ने साधा निशाना
Mumbai attacks 2008: पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने खुलासा किया कि 2008 के मुंबई हमलों के बाद यूपीए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबाव और विदेश मंत्रालय की सलाह के कारण पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई नहीं की. भाजपा ने उनकी आलोचना की और कांग्रेस पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने और एमएफएन दर्जा देने के आरोप लगाए.

Mumbai attacks 2008: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने स्वीकार किया कि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के तुरंत बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने पाकिस्तान पर जवाबी सैन्य कार्रवाई नहीं करने का निर्णय लिया. उनके अनुसार यह फैसला भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव और विदेश मंत्रालय की सलाह के कारण लिया गया.
बदला लेने का मन लेकिन कार्रवाई नहीं
चिदंबरम ने बताया कि हमलों के कुछ दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में उनके कार्यभार संभालने के समय उनके मन में बदले की भावना थी. उन्होंने कहा कि मेरे मन में बदला लेने का विचार आया था, लेकिन सरकार ने सैन्य प्रतिक्रिया न करने का फैसला किया. उन्होंने याद दिलाया कि पूरी दुनिया उस समय दिल्ली आई और कह रही थी, युद्ध शुरू मत करो.
अमेरिकी हस्तक्षेप
चिदंबरम ने कहा कि तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस उनके कार्यालय आईं और प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान अनुरोध किया कि कोई सैन्य प्रतिक्रिया न दी जाए. चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय सरकार ने लिया, लेकिन उनके मन में तत्काल कार्रवाई की इच्छा थी. उन्होंने प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संभावित जवाबी कार्रवाई पर चर्चा भी की.
हमले की भयावहता
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई के कई प्रमुख स्थानों पर हमला किया. इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज रेलवे स्टेशन, ताज महल पैलेस, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, लियोपोल्ड कैफ़े, कामा अस्पताल और नरीमन हाउस शामिल थे. इस हमले में 175 लोगों की जान चली गई और कई गंभीर घायल हुए. मुंबई पुलिस ने आतंकवादियों में से अजमल कसाब को पकड़ लिया, जिसे 2012 में फांसी दी गई.
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
चिदंबरम के बयान पर भाजपा नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह स्वीकारोक्ति बताती है कि देश जानता था कि मुंबई हमलों का सही तरीके से सामना नहीं किया गया.

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि चिदंबरम हमलों के समय गृह मंत्री बनने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन वे पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई चाहते थे. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सोनिया गांधी या तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस कदम को रोका और यूपीए सरकार कोंडोलीजा राइस के दबाव में थी.
कांग्रेस पर गंभीर आरोप
भाजपा नेताओं ने यूपीए सरकार पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने, हिंदू आतंकवाद की कहानी को बढ़ावा देने और पाकिस्तान को एमएफएन (Most Favored Nation) का दर्जा देने के लिए भी गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार ने आतंकवादी हमलों के बावजूद इस्लामाबाद के खिलाफ कोई ठोस सैन्य कदम नहीं उठाया.


