पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी के नाम का ऐलान कर India Bloc ने NDA के सामने फेंकी गुगली, फंस गए चंद्रबाबू नायडू

इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर एनडीए पर रणनीतिक दबाव बनाया है, जिससे टीडीपी सहित कई दलों की स्थिति असमंजस में आ गई है. विपक्ष इसे लोकतंत्र की रक्षा की वैचारिक लड़ाई बता रहा है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

India Bloc: इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है. यह कदम विपक्ष की ओर से केवल एक नामांकन नहीं, बल्कि एक रणनीतिक चाल है जो एनडीए को असहज करने के साथ-साथ उसके कुछ सहयोगियों को भी दोराहे पर खड़ा कर रहा है.

गैर-राजनीतिक चेहरा

रेड्डी को एक ऐसा चेहरा माना जा रहा है जिसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं होने के बावजूद उनकी विश्वसनीयता मजबूत है. उनका अतीत खासकर आंध्र प्रदेश की राजनीति से गहरे संबंध रखता है. 1980 और 90 के दशक में रेड्डी ने तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के लिए कानूनी सलाहकार की भूमिका निभाई थी और उस समय के प्रमुख नेता चंद्रबाबू नायडू के करीबी माने जाते थे. इस ऐतिहासिक जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए विपक्ष ने उन्हें एक ऐसा उम्मीदवार चुना है जो टीडीपी जैसी पार्टियों के लिए नैतिक और राजनीतिक रूप से सोचने पर मजबूर कर दे.

टीडीपी की दुविधा

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने रेड्डी के लिए समर्थन जुटाने को लेकर बीआरएस, वाईएसआरसीपी और टीडीपी से बातचीत शुरू कर दी है. टीडीपी पहले एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन के पक्ष में थी, लेकिन रेड्डी के साथ उसके पुराने रिश्ते उसे स्पष्ट रुख अपनाने से रोक रहे हैं. टीडीपी के एक प्रवक्ता ने अभी भी एनडीए के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई है, लेकिन पार्टी के भीतर इस मुद्दे को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. वहीं बीजेडी ने अभी तक कोई सार्वजनिक रुख नहीं अपनाया है और इंडिया ब्लॉक ने उनसे समर्थन की मांग नहीं की है.

विपक्ष की व्यापक रणनीति

रेड्डी का चयन विपक्षी गुट के विभिन्न घटकों की अपेक्षाओं को संतुलित करता दिख रहा है. डीएमके की दक्षिण भारत से उम्मीदवार की मांग, तृणमूल कांग्रेस की गैर-राजनीतिक व्यक्ति को उम्मीदवार बनाए जाने की इच्छा और आम आदमी पार्टी के समर्थन को ध्यान में रखते हुए यह नामांकन तैयार किया गया है.एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन जहां आरएसएस पृष्ठभूमि से आते हैं, वहीं रेड्डी का न्यायपालिका से आना विपक्ष को एक नैतिक बढ़त देने का प्रयास है.

वैचारिक लड़ाई

रेड्डी का नामांकन तब सामने आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से एनडीए उम्मीदवार के समर्थन की अपील की थी. इसके जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह चुनाव केवल पद के लिए नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की एक वैचारिक लड़ाई है. खड़गे ने रेड्डी को सामाजिक और राजनीतिक न्याय का प्रतीक बताया. रेड्डी, जो गुवाहाटी और आंध्र हाईकोर्ट में न्यायाधीश रह चुके हैं, 2011 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए थे. इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने सभी दलों से समर्थन की अपील की और खुद को देश के 60% हिस्से की आवाज बताया.

calender
19 August 2025, 02:28 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag