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हाईकमान से बगावत पड़ी भारी! कर्नाटक में सिद्धारमैया के करीबी मंत्री से लिया गया इस्तीफा

कर्नाटक में कांग्रेस के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने राहुल गांधी के वोट चोरी आरोपों की आलोचना के बाद इस्तीफा दिया. पार्टी आलाकमान ने उन्हें बर्खास्त करने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ बैठक के बाद राजन्ना ने इस्तीफा सौंपा. यह घटना कांग्रेस के अंदर मतभेद और अनुशासन के मुद्दे को उजागर करती है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

कर्नाटक की राजनीति में सोमवार को बड़ा मोड़ आया जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनका यह कदम तब सामने आया जब उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए "वोट चोरी" के आरोपों की सार्वजनिक रूप से आलोचना की. उनके इस बयान से कांग्रेस नेतृत्व नाराज़ हो गया और अंततः उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

आलाकमान की सख्ती के बाद लिया गया फैसला

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान, खासकर दिल्ली में बैठे शीर्ष नेता, राजन्ना की आलोचना से बेहद असंतुष्ट थे. पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को निर्देश दिए कि राजन्ना को तत्काल मंत्रिपद से हटाया जाए. हालांकि शुरुआत में राजन्ना ने यह कहते हुए इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था कि वे मुख्यमंत्री से बात करके अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे, लेकिन शाम होते-होते उन्होंने स्वेच्छा से अपना इस्तीफा सौंप दिया.

मुख्यमंत्री और राजन्ना के बीच बैठक

कर्नाटक विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और केएन राजन्ना के बीच एक निजी बैठक हुई, जहां स्थिति को शांतिपूर्वक सुलझाने की कोशिश की गई. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि राजन्ना स्वयं पद नहीं छोड़ते हैं, तो उन्हें बर्खास्त किया जाएगा. इसके कुछ ही देर बाद राजन्ना ने मुख्यमंत्री को अपना त्यागपत्र सौंप दिया.

राहुल गांधी के खिलाफ की थी बयानबाजी

केएन राजन्ना का विवादास्पद बयान 10 अगस्त को तुमकुरु में आया था. उन्होंने राहुल गांधी के उस आरोप पर सवाल उठाए जिसमें राहुल ने कर्नाटक में वोटर डेटा की हेराफेरी का आरोप लगाया था. राजन्ना ने कहा था कि ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए. वोटर लिस्ट तो कांग्रेस शासनकाल में तैयार की गई थी. उस समय किसी ने कुछ नहीं कहा. अब जब चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, तो ऐसे आरोप लगाने का क्या औचित्य है?" उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाजपा ने गलत किया है, लेकिन यह सब कांग्रेस की निगरानी में ही हुआ.

कांग्रेस में असंतोष की झलक

राजन्ना के बयानों से यह संकेत मिला कि कांग्रेस के भीतर भी कुछ नेताओं में राहुल गांधी की रणनीति और बयानबाज़ी को लेकर मतभेद है. हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. राजन्ना का इस्तीफा इसी का परिणाम था.

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11 August 2025, 04:30 PM IST

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