अंग्रेजों की बांटो-राज करो नीति को इस गीत ने तोड़ा... लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ के 150वीं वर्षगांठ पर बोले प्रधानमंत्री
वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा कि अंग्रेजों को अच्छी तरह पता था कि अगर बंगाल को तोड़ दिया, तो पूरा हिंदुस्तान अपने आप बिखर जाएगा. इसलिए 1905 में उन्होंने बंगाल का विभाजन कर डाला. लेकिन उस काले दौर में भी एक गीत था जो चट्टान बनकर खड़ा हो गया. वो गीत था ‘वंदे मातरम्’! जब-जब अंग्रेजों ने मां भारती के टुकड़े करने की कोशिश की, तब-तब बंगाल की गलियों से गूंजा ये स्वर पूरे देश में आग की तरह फैल गया और आजादी की लौ को और भड़का दिया.

नई दिल्ली: वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर सोमवार को लोकसभा में विशेष चर्चा की शुरुआत हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर पर सदन को संबोधित करते हुए कहा कि 'जब अंग्रेज भारत को बांटने की कोशिश कर रहे थे, तब वंदे मातरम् ने ही उन्हें रोक रखा था. इस विषय पर लोकसभा में 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. मंगलवार को राज्यसभा में भी राष्ट्रगीत पर चर्चा होगी, जिसकी शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि अंग्रेजों ने भारत की एकता को चोट पहुंचाने के लिए सबसे पहले बंगाल को निशाना बनाया था. 1857 के बाद अंग्रेजों को समझ आ गया था कि भारत में लंबा शासन बनाए रखना कठिन होगा, इसलिए उन्होंने ‘बांटो और राज करो’ की नीति अपनाई और बंगाल को अपनी प्रयोगशाला बनाया.
बंगाल को विभाजित करने की अंग्रेजी साजिश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंग्रेजों का मानना था कि जब तक भारत को बांटेंगे नहीं, तब तक यहां राज करना मुश्किल है. उन्होंने बंगाल को इसलिए चुना क्योंकि वह उस समय देश की बौद्धिक और सांस्कृतिक ताकत का केंद्र था. उन्होंने कहा कि अंग्रेज जानते थे कि बंगाल का विभाजन पूरे देश की एकता और शक्ति को कमजोर कर सकता है. 1905 में किए गए बंगाल विभाजन को उन्होंने अंग्रेजों का पाप बताया.
वंदे मातरम् बना एकता की आवाज
पीएम मोदी ने कहा कि जब अंग्रेजों ने 1905 में ये पाप किया, तब वंदे मातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा. बंगाल की एकता के लिए वंदे मातरम् गली-गली का नाद बन गया था. वही नारा सबको प्रेरणा देता था. उन्होंने कहा कि बंगाल का विभाजन जरूर हुआ, लेकिन इसके खिलाफ देशभर में स्वदेशी आंदोलन खड़ा हो गया और वंदे मातरम् हर दिशा में गूंजने लगा. यह गीत अंग्रेजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया था.
अंग्रेजों ने क्यों लगाया वंदे मातरम् पर कानूनन प्रतिबंध
पीएम मोदी ने कहा कि बंकिम बाबू की रचना ने अंग्रेजों को हिला दिया था. अंग्रेजों को गाने पर सजा, छापने पर सजा और ‘वंदे मातरम्’ बोलने पर भी सजा देने के कठोर कानून बनाने पड़े. ये प्रतिबंध अंग्रेजों की उस घबराहट को दिखाते हैं, जिसने उन्हें भारत की आवाज को दबाने पर मजबूर किया.
आजादी की लड़ाई में महिलाओं की भूमिका
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की स्वतंत्रता संग्राम में सैकड़ों महिलाओं ने नेतृत्व किया और वंदे मातरम् उनके लिए भी प्रेरणा का स्रोत रहा. उन्होंने कहा कि वे इस आंदोलन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घटना का विशेष उल्लेख करना चाहते हैं.


