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गाजा पर हुई ताबड़तोड़ बमबारी, गूंज उठी टैंकों और गोलीबारी की आवाज...81 लोगों की मौत के बाद सीजफायर का ऐलान

गाजा में युद्धविराम लागू होने के बावजूद इजरायल ने रातभर हवाई हमले किए, जिनमें अब तक 81 लोगों की मौत हो चुकी है. इजरायल ने हमास पर युद्धविराम तोड़ने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने जवाबी कार्रवाई का आदेश दिया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : गाजा में युद्धविराम लागू होने के बावजूद, इजरायल ने मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक कई हवाई हमले किए. चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार, इन हमलों में अब तक 81 लोगों की मौत हो चुकी है. गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने दावा किया कि हमास ने पहले इजरायली सैनिकों पर हमला किया, जिससे अमेरिका द्वारा मध्यस्थता किए गए युद्धविराम का उल्लंघन हुआ. इजरायल ने इसे हमास की आक्रामकता का जवाब बताया है.

अस्पतालों में घायलों की भीड़ और बढ़ती मौतें

गाजा के शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सेल्मिया ने बताया कि अस्पताल में 21 नए शव लाए गए, जिनमें सात महिलाएं और छह बच्चे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कई घायलों की हालत गंभीर है, जिनमें करीब 20 बच्चे भी हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. अस्पतालों में बेड की भारी कमी है और चिकित्सा संसाधन लगभग खत्म होने की कगार पर हैं.

युद्धविराम का उल्लंघन और फिर से लागू होने की घोषणा
इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने गाजा में भारी बमबारी के बाद युद्धविराम को फिर से लागू कर दिया है. हालांकि, सेना ने यह भी चेतावनी दी कि अगर हमास ने फिर से युद्धविराम तोड़ा, तो उसका “कड़ा जवाब” दिया जाएगा. गाजा में फिलहाल हालात बेहद तनावपूर्ण हैं और दोनों पक्ष एक-दूसरे पर युद्धविराम तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं.

नेतन्याहू का सख्त रुख और जवाबी कार्रवाई
दक्षिणी गाजा में हमास की गोलीबारी के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना को तुरंत “तगड़ा जवाबी हमला” करने का आदेश दिया. इसके बाद इजरायली टैंकों और विमानों ने गाजा के कई इलाकों पर लगातार बमबारी की. रातभर गाजा शहर में विस्फोटों की आवाजें गूंजती रहीं, जिससे लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल गए.

तनाव की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय चिंता
गाजा में जारी हिंसा के कारण हालात फिर से बिगड़ते जा रहे हैं. अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है. लेकिन फिलहाल ऐसा प्रतीत होता है कि युद्धविराम केवल नाममात्र का रह गया है, जबकि मानवीय संकट तेजी से बढ़ रहा है.

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29 October 2025, 05:48 PM IST

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