पाकिस्तान के ऑपरेशन बांगलादेश का परर्दाफाश, 3 पाक सैन्य अधिकारियों की खौफनाक साजिश
हाल ही में तीन पाकिस्तानी सेना अधिकारी रोहिंग्या सशस्त्र समूहों से मिलने के लिए बांग्लादेश गए थे. इस बात को बांग्लादेश ने गुप्त रखा. इस बात से देश में चिंताएं बढ़ गई हैं.

Pakistani Military Officers: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की एक और नापाक साजिश का पर्दाफाश हुआ है. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पाकिस्तान के तीन सैन्य अधिकारी कुछ हप्ते पहले बांग्लादेश में रोहिंग्या ग्रूप से मिलने गए थे.सुत्रो के मुताबिक ढाका ने इस यात्रा को गुप्त रखा था.लेकिन अभी तक मुहम्मद यूनुस ने उनकी यात्रा पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. इस घटना पर नई दिल्ली की पैनी नजर है क्योंकि इसका भारत सहित पूरे देश में खतरा है.
फर्जी से ढाका में घुसे तीन सैन्य अधिकारी
28 जून 2025 को पाकिस्तानी सेना के तीन ब्रिगेडियर जनरल्स - नदीम अहमद, मोहम्मद नदीम तल्हा और सऊद अहमद राव - फर्जी पासपोर्ट के साथ बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे. इन अधिकारियों को मेडिकल कोर का सदस्य बताकर बांग्लादेशी सेना से जोड़ा गया, जो इस साजिश की जटिलता को दिखा रहा है. सूत्रों के अनुसार, इनके पासपोर्ट की वैधता केवल एक वर्ष के लिए थी, जिससे यह साफ होता है कि यह मिशन किसी विशेष उद्देश्य के लिए रचा गया था.
बांग्लादेशी सेना के साथ गहरे संबंध
पाकिस्तानी अधिकारियों को न केवल बांग्लादेश में रेड कार्पेट वेलकम दिया गया, बल्कि उन्हें कॉक्स बाजार में तैनात बांग्लादेशी सेना की 10वीं इन्फैंट्री डिवीजन के मुख्यालय का दौरा भी करवाया गया. यह क्षेत्र म्यांमार की सीमा से सटा हुआ है और स्ट्रेटजी एक दम साफ है. रिपोर्ट्स के अनुसार, रामू छावनी को अप्रैल 2025 के बाद से अति-संवेदनशील सैन्य में बदल दिया गया है. यह क्षेत्र म्यांमार के रखाइन में अराकान आर्मी को रसद और समर्थन प्रदान करने का केंद्र बन चुका है. सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश के जरिए अराकान आर्मी को सैन्य सहायता पहुंचा रहा है. इस साजिश में पाकिस्तानी अधिकारियों की मौजूदगी भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा नीति के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रही है.
यूनुस सरकार का पाकिस्तान के साथ सहयोग
बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार ने इस मामले में पाकिस्तानी अधिकारियों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया. यह सहयोग न केवल सैन्य स्तर पर, बल्कि कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर भी देखा जा रहा है. बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच हाल के महीनों में सैन्य संबंधों को बढ़ाने की कोशिशें भारत के लिए चिंता का विषय बन रही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह गठजोड़ दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है.
भारत के लिए बढ़ता खतरा
पाकिस्तानी सेना और आईएसआई का बांग्लादेश में बढ़ता दखल भारत की सीमाओं के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रहा है. खासकर सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास रंगपुर जैसे मीलते क्षेत्रों में उनकी मौजूदगी भारत की सुरक्षा रणनीति को कमजोर करने की कोशिश है. सूत्रों के मुताबिक, इन अधिकारियों का मिशन 5 जुलाई 2025 को दुबई के रास्ते पाकिस्तान लौटने से पहले भारत विरोधी गतिविधियों को और बढ़ावा देना था.
पाकिस्तान का 'ऑपरेशन बांग्लादेश' न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए खतरा है. फर्जी पासपोर्ट, अंडर कवर मिशन और बांग्लादेशी सेना के साथ सहयोग इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा. भारत को अपनी सुरक्षा नीतियों को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि इस तरह की साजिशों को समय रहते नाकाम किया जा सके.


