छत्तीसगढ़ में बड़ी सफलता, 1.5 करोड़ के इनामी नक्सली नेता बसवा राजू मुठभेड़ में ढेर
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने देश के मोस्ट वांटेड माओवादी नेता बसवा राजू उर्फ नंबाला केशव राव को मार गिराया. उस पर सरकार ने 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था.

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में बीते कुछ दिनों से सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ चल रही है। इस ऑपरेशन ने अब माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका साबित किया है। नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में हुई इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने माओवादियों के शीर्ष नेता बसवा राजू को मार गिराया है, जो देशभर में नक्सली नेटवर्क का सबसे बड़ा मास्टरमाइंड माना जाता था.
बसवा राजू उर्फ नंबाला केशव राव पर भारत सरकार ने 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था। 1970 के दशक से माओवादी आंदोलन का हिस्सा रहे इस खतरनाक कमांडर की मौत को सुरक्षा बलों ने एक "ऐतिहासिक सफलता" बताया है। मुठभेड़ में अब तक कुल 30 नक्सली मारे जा चुके हैं, जबकि ऑपरेशन अभी भी जारी है.
कौन था बसवा राजू?
नंबाला केशव राव उर्फ बसवा राजू उर्फ गगन्ना, माओवादी संगठन का शीर्ष कमांडर और सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। उसे नक्सली आंदोलन का थिंक टैंक और रणनीतिकार माना जाता था। बसवा राजू लंबे समय से देश के विभिन्न हिस्सों में फैले नक्सल नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा था। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक वह कई खूनी हमलों और बड़े नक्सली षड्यंत्रों का मास्टरमाइंड रहा है.
ऑपरेशन में कैसे हुआ खात्मा?
छत्तीसगढ़ पुलिस की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) ने नारायणपुर के घने जंगलों में चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन के दौरान बसवा राजू को मार गिराया। जानकारी के मुताबिक, यह मुठभेड़ बीते 72 घंटों से जारी है और अब तक इसमें 30 नक्सली मारे जा चुके हैं। DRG की यह कार्रवाई अबूझमाड़ में हुई, जिसे नक्सलियों की अघोषित राजधानी माना जाता है.
CC के कई सदस्य भी ढेर, जवान घायल
इस बड़ी मुठभेड़ में नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी (CC) के कई अहम सदस्य भी मारे गए हैं। यह कमेटी नक्सल संगठनों की रणनीति और फंडिंग से लेकर हमलों की योजना तक तय करती है। हालांकि, इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों का एक जवान घायल हुआ है, जिसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। वहीं, एक सहयोगी जवान शहीद हो गया है.
अल-कायदा और लिट्टे जैसे गिरोहों से तुलना
बसवा राजू का कद नक्सली संगठन में वैसा ही था जैसा अल-कायदा में ओसामा बिन लादेन और श्रीलंका में लिट्टे के प्रमुख प्रभाकरण का था। जैसे अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा को मारा और श्रीलंका की सेना ने प्रभाकरण को ढेर किया, वैसे ही भारत ने भी अपने सबसे बड़े नक्सली दुश्मन का अंत कर दिया.
अबूझमाड़ में पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई
अबूझमाड़ का जंगल नक्सलियों के लिए दशकों से सुरक्षित ठिकाना बना हुआ था। पहली बार सुरक्षा बलों ने वहां इतनी बड़ी और निर्णायक कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह ऑपरेशन माओवादियों के नेटवर्क को गहरी चोट पहुंचाने वाला माना जा रहा है.
नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक हमला
बसवा राजू की मौत को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है। सुरक्षा बलों का कहना है कि ऑपरेशन जारी रहेगा और माओवादी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने तक यह संघर्ष रुकेगा नहीं.


