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पवन सिंह से लेकर रितेश पांडे तक... बिहार के चुनावी रण में फिल्मी सितारों की धमक, ये कलाकार दिखाएंगे अपना दम

Bhojpuri actors in Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार भी फिल्मी सितारों की भागीदारी देखने को मिलेगी. भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह और रितेश पांडे सहित कई कलाकार चुनाव लड़ने या प्रचार में सक्रिय रहेंगे. पवन सिंह और उनकी पत्नी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतर सकते हैं, जबकि रितेश जनसुराज से लड़ेंगे. मनोज तिवारी, रवि किशन, निरहुआ जैसे सितारे प्रचार में दिखाई देंगे, जिससे चुनावी माहौल रंगीन बनेगा.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Bhojpuri actors in Bihar Politics: बिहार की राजनीति का इतिहास हमेशा से जीवंत और रोचक रहा है, लेकिन जब चुनावी मैदान में फिल्मी सितारे उतरते हैं, तो सियासत का रंग कुछ और ही चटक हो जाता है. वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सिनेमा और राजनीति का यह अनोखा मेल देखने को मिल रहा है, जिसमें खासकर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के चर्चित चेहरे जनता का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं.

चुनावी चर्चा के केंद्र में सुपरस्टार पवन सिंह
भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह इस बार चुनावी चर्चा के केंद्र में हैं. पवन सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में काराकाट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भाग लिया था और दूसरे स्थान पर रहकर सबको चौंका दिया था. इससे पहले उन्हें भाजपा ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से टिकट दिया था, लेकिन अचानक पार्टी ने वह टिकट वापस ले लिया. इस निर्णय से आहत होकर पवन सिंह ने बिहार में निर्दलीय चुनाव लड़ा और एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा की हार में निर्णायक भूमिका निभाई. उनकी लोकप्रियता खासतौर पर शाहाबाद और रोहतास क्षेत्र में राजपूत वोटरों के बीच देखी गई.

अब कयास लगाए जा रहे कि पवन सिंह विधानसभा चुनाव में भी भाग्य आजमाएंगे. वे भाजपा से संपर्क में जरूर हैं, लेकिन स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने की संभावना अधिक बताई जा रही है. आरा, बड़हरा या फिर काराकाट सीट उनके संभावित चुनावी क्षेत्र हो सकते हैं.

राजनीति में सक्रिय होंगी पवन सिंह की पत्नी भी
चुनावी सरगर्मी के बीच पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने भी राजनीतिक पारी खेलने की घोषणा कर दी है. उनके भी डेहरी या काराकाट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की चर्चा है. यदि ऐसा होता है तो यह चुनावी मुकाबला पारिवारिक मोड़ ले सकता है और मीडिया से लेकर जनता तक, सबकी नजर इस अनोखे संघर्ष पर टिकी होगी.

रितेश पांडे ने थामा जनसुराज का दामन
भोजपुरी के युवा गायक और अभिनेता रितेश पांडे, जिन्होंने “हेलो कौन” जैसे हिट गाने से पहचान बनाई, अब पूरी तरह से राजनीति की राह पर हैं. उन्होंने प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज का दामन थामा है और रोहतास के करगहर या भभुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. एक युवा कलाकार का इस तरह सक्रिय राजनीति में प्रवेश करना बिहार की बदलती राजनीतिक तस्वीर को दर्शाता है, जहां लोकप्रियता को राजनीतिक ताकत में बदला जा रहा है.

एक बार फिर पुराने अंदाज में विनय बिहारी
भोजपुरी गीतकार और वर्तमान लौरिया विधायक विनय बिहारी एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं. अपनी रचनात्मकता और जनसंपर्क कौशल के जरिए उन्होंने पहले भी जनता का विश्वास जीता है. अब देखना यह होगा कि वे दोबारा विधानसभा तक पहुंच पाते हैं या नहीं. वहीं, पुराने दावेदारों की बात करें तो प्रकाश झा, शेखर सुमन और कुणाल सिंह जैसे बड़े नामों को पहले भी हार का सामना करना पड़ा है. प्रकाश झा ने तीन बार अलग-अलग पार्टियों से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली. शेखर सुमन और कुणाल सिंह भी शत्रुघ्न सिन्हा के सामने टिक नहीं पाए.

चुनावी प्रचार में दिखेगी भोजपुरी सितारों की चमक
चुनाव में सिर्फ उम्मीदवार ही नहीं, बल्कि स्टार प्रचारकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. भाजपा की ओर से मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करते नजर आएंगे. इन सितारों की भोजपुरी क्षेत्र में गहरी पकड़ है और उनके मंचों पर जुटने वाली भीड़ को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे कितनी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

खेसारी लाल , प्रचार तक सीमित रहेंगे या उतरेंगे मैदान में?
भोजपुरी के एक और सुपरस्टार खेसारी लाल यादव भी इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं. उनकी नजदीकियां राजद और सपा जैसी पार्टियों से बताई जा रही हैं. हालांकि अभी तक उन्होंने चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन ऐसी संभावना है कि वे चुनाव प्रचार में जरूर सक्रिय रहेंगे और राजद उम्मीदवारों के पक्ष में जनसभाएं कर सकते हैं.

फिल्मी चेहरों की चमक, पर जनता का मूड निर्णायक
हालांकि फिल्मी सितारों की लोकप्रियता और जनसंपर्क उनकी राजनीतिक राह को आसान बना सकते हैं, लेकिन बिहार की जनता केवल चेहरों के दम पर वोट नहीं देती. इतिहास गवाह है कि कई बड़े नामों को यहां हार का सामना करना पड़ा है. इसलिए 2025 के विधानसभा चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा सितारा वोटरों के दिल में उतर पाता है और कौन सिर्फ पोस्टरों तक सीमित रह जाता है.

राजनीति और ग्लैमर का संगम या टकराव?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 एक बार फिर यह साबित करने वाला है कि सियासत और सिनेमा के बीच की रेखाएं अब धुंधली होती जा रही हैं. जहां कुछ सितारे जनता के बीच अपनी राजनीतिक साख मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कई अपने फिल्मी करियर को राजनीति से जोड़कर नई पहचान बनाना चाहते हैं. ऐसे में यह चुनाव सिर्फ मुद्दों और विकास की बात नहीं करेगा, बल्कि यह देखना भी दिलचस्प होगा कि सितारों की चमक लोकतंत्र की कसौटी पर कितनी खरी उतरती है.

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29 September 2025, 09:35 PM IST

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