गुजरात में बड़ा सियासी फेरबदल, CM भूपेंद्र पटेल को छोड़कर सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा...सामने आई ये बड़ी वजह
Gujarat Cabinet Reshuffle 2025 : गुजरात की राजनीति में अचानक एक बड़ा उलट फेर देखा गया है. सीएम भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमे राज्य मंत्रिपरिषद के सभी मंत्रियों के इस्तीफे ले लिए गए हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर लिया गया है. जिसके बाद सभी मंत्रियों ने अपने-अपने त्यागपत्र सीएम को सौंप दी है. वहीं अब मुख्यमंत्री आज राज्यपाल से मुलाकात कर मंत्रिपरिषद के इस्तीफे सौपेंगे.

Gujarat Cabinet Reshuffle 2025 : गुजरात की राजनीति में गुरुवार को एक अप्रत्याशित मोड़ आया जब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य मंत्रिपरिषद के सभी मंत्रियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया. यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री निवास पर हुई एक विशेष बैठक के बाद सामने आया, जिसमें केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर यह बड़ा फैसला लिया गया. बैठक में मौजूद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सभी मंत्रियों को इस बारे में अवगत कराया, जिसके बाद उन्होंने स्वेच्छा से अपने-अपने त्यागपत्र सौंप दिए.
आपको बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम को आगामी कैबिनेट विस्तार की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है, जिसे भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व संगठन में "नई ऊर्जा" और "नवीन चेहरों" को शामिल करने की रणनीति का हिस्सा मान रहा है. माना जा रहा है कि यह कदम न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से बल्कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक रूप से भी बेहद अहम है.
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युवाओं और क्षेत्रीय संतुलन पर फोकस
सूत्रों का कहना है कि यह बदलाव राज्य भाजपा अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा की सलाह के बाद हुआ है, जिन्होंने मुख्यमंत्री को छोड़कर बाकी सभी 16 मंत्रियों से इस्तीफा देने के लिए कहा. इस बार की कैबिनेट में कई पुराने चेहरों की छुट्टी हो सकती है और नए चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी. जानकारी के अनुसार, मंत्रियों की संख्या 25 से 26 तक बढ़ाई जा सकती है और करीब 7 से 10 मौजूदा मंत्री बाहर हो सकते हैं.
जमीन से जुड़े विधायकों को जगह मिलने की संभावना
पार्टी की कोशिश है कि नए मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और अनुभव व युवा नेतृत्व के बीच संतुलन बना रहे. खास बात यह है कि संगठन से जुड़े मेहनती और जमीन से जुड़े विधायकों को मंत्रिपरिषद में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है. इसके अलावा सभी सामाजिक वर्गों और जोन से नेताओं को प्रतिनिधित्व देने के संकेत भी मिल रहे हैं, जिससे आगामी चुनावों से पहले एक मजबूत जनाधार तैयार किया जा सके.
नेतृत्व में बदलाव नहीं, पर टीम में बदलाव जरूरी
भाजपा ने इस बदलाव के ज़रिए यह साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पर नेतृत्व को अब भी पूरा भरोसा है, लेकिन टीम को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता महसूस की गई. इस बदलाव के पीछे केंद्रीय नेतृत्व की रणनीति यह है कि पार्टी न केवल सत्ता में बनी रहे, बल्कि प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर पहले से ज़्यादा मज़बूती से उभरे.
आगामी चुनावों की रणनीति पहले से ही सक्रिय
यह घटनाक्रम भाजपा के लिए एक संगठनात्मक प्रयोग की तरह भी देखा जा सकता है, जहां एक राज्य की पूरी सरकार को रीसेट करके, आगामी चुनावों की रणनीति पहले से ही सक्रिय कर दी गई है. देर शाम तक जिन विधायकों को मंत्री बनने के लिए चुना गया है, उन्हें पार्टी की ओर से फोन कॉल आने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी.
नया मंत्रिमंडल, नई दिशा
गुजरात की राजनीति में यह बदलाव किसी तात्कालिक असंतोष या संकट का परिणाम नहीं है, बल्कि एक सुविचारित रणनीति का हिस्सा है. भाजपा इस परिवर्तन से यह संदेश देना चाहती है कि वह संगठनात्मक रूप से जीवंत, गतिशील और समय के साथ खुद को ढालने के लिए तैयार है. आने वाला मंत्रिपरिषद, गुजरात के विकास के अगले अध्याय का नेतृत्व करेगा ऐसे संकेत अब स्पष्ट हो गए हैं.


