score Card

महागठबंधन का बिहार बंद: SIR पर मचा बवाल, चुनाव आयोग के खिलाफ क्यों भड़का विपक्ष?

बिहार में बुधवार को महागठबंधन ने चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया के खिलाफ जोरदार मोर्चा खोला. विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए गरीब, दलित और प्रवासी वोटरों को जानबूझकर सूची से बाहर किया जा रहा है. पटना से लेकर जिलों तक सड़क-जाम और रेल रोकने जैसे प्रदर्शन हुए.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Mahagathbandhan Bihar Bandh: बिहार में महागठबंधन ने बुधवार को राज्यव्यापी बंद का ऐलान कर चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विपक्ष का आरोप है कि यह कवायद आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर मतदाताओं को वोटर लिस्ट से बाहर करने की साजिश है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव सहित कई प्रमुख नेता इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं. पटना में विशाल रैली और चुनाव आयोग के दफ्तर को घेरने का भी ऐलान किया गया है.

तेजस्वी यादव ने SIR प्रक्रिया की तीखी आलोचना करते हुए कहा, "हम 9 जुलाई को चक्का जाम करेंगे. चुनाव आयोग और सरकार दोनों को विपक्ष घेरने वाला है. यह हैरानी की बात है कि आयोग हर घंटे अपने आदेश बदल रहा है, जिससे BLO और अन्य कर्मचारी भ्रमित हैं."

चुनाव आयोग के खिलाफ क्यों भड़का विपक्ष?

महागठबंधन का आरोप है कि SIR प्रक्रिया का इस्तेमाल गरीब, दलित, महादलित, प्रवासी मजदूरों और हाशिये पर खड़े समुदायों को मतदाता सूची से हटाने के लिए किया जा रहा है. विपक्ष ने इस कवायद को वोट ब्लॉक करने की साजिश करार दिया है. अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा सियासी रंग ले चुका है.

बिहार में उग्र हुए प्रदर्शन

बिहार के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गए. पटना के मनेर इलाके में NH-30 पर राजद और माकपा कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर सड़क जाम की. जहानाबाद में राजद के छात्र संगठन ने रेलवे ट्रैक और NH-82 को बाधित किया. दरभंगा में भी राजद समर्थकों ने नमो भारत ट्रेन को रोका.

राजद के एक कार्यकर्ता ने कहा, "हमने यह बंद चुनाव आयोग के खिलाफ बुलाया है, जो किसी एजेंडे पर काम कर रहा है… जनता सरकार से परेशान हो चुकी है. RJD और पूरा INDIA गठबंधन इस बंद के समर्थन में हैं." स्वतंत्र सांसद पप्पू यादव के समर्थक भी इस आंदोलन में शामिल हो गए और अररिया के नरपतगंज में एक एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया.

चुनाव आयोग की सफाई

चुनाव आयोग का कहना है कि SIR एक नियमित और संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसे हर चुनाव से पहले किया जाता है. यह प्रक्रिया छह राज्यों में अवैध विदेशी मतदाताओं को हटाने की बड़ी पहल का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई है. आयोग ने एक बयान में कहा, "भारत का संविधान सर्वोच्च है. सभी नागरिक, राजनीतिक दल और चुनाव आयोग संविधान का पालन करते हैं."

BLO और वॉलंटियर्स की बड़ी फौज मैदान में

चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य में लगभग 78,000 बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) पहले से तैनात हैं, और हाल ही में बनाए गए मतदान केंद्रों के लिए 20,000 और BLO की नियुक्ति की जा रही है. इसके साथ ही 1 लाख से अधिक स्वयंसेवक भी असहाय, बुजुर्ग, विकलांग और कमजोर मतदाताओं तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं.

बिहार में फिलहाल 7.89 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें से 4.96 करोड़ मतदाताओं को केवल अपनी जानकारी सत्यापित कर फॉर्म भरना है. इसके लिए नामांकन प्रक्रिया 25 जून से 26 जुलाई तक चलेगी.

क्या होगा अगला कदम?

आयोग के अनुसार, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 1 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी. इसके बाद 1 सितंबर तक आपत्तियों और दावों का समय मिलेगा और अंतिम सूची 30 सितंबर को जारी की जाएगी.

हालांकि आयोग इसे सामान्य प्रक्रिया बता रहा है, लेकिन चुनावी साल में यह प्रक्रिया एक बड़ा सियासी मुद्दा बन गई है. जब संस्थाओं पर भरोसे का संकट हो, तो प्रक्रिया भी विवाद का कारण बन जाती है.

calender
09 July 2025, 12:00 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag