SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाले सांसद खुद फंसे, पत्नी के पास मिले दो वोटर कार्ड, चुनाव आयोग ने थमाया नोटिस
तेजस्वी यादव के दो वोटर ID मामले के बीच, चुनाव आयोग ने सुदामा प्रसाद की पत्नी के पास भी दो EPIC कार्ड पाए. तेजस्वी ने मतदाता सूची से नाम हटने का आरोप लगाया, जिसे आयोग ने अस्वीकृत किया. एनडीए नेताओं ने इसे धोखाधड़ी बताया और कानूनी कार्रवाई की मांग की. विपक्ष पर चुनाव आयोग को बदनाम करने का आरोप भी लगा.

बिहार में EPIC का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) होने के मामले ने पहले ही राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी. अब इस विवाद के बीच चुनाव आयोग के सूत्रों ने जानकारी दी है कि एक और दोहरे वोटर ID का मामला सामने आया है, जो इस मुद्दे को और गंभीर बना रहा है.
सुदामा प्रसाद की पत्नी पर भी सवाल
आयोग के अनुसार, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के नेता और बिहार से विधायक सुदामा प्रसाद की पत्नी के पास भी दो ईपीआईसी (EPIC) कार्ड हैं. यह वही पार्टी है जिसने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया को चुनौती दी थी.
तेजस्वी यादव का आरोप
तेजस्वी यादव ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग की नई मतदाता सूची में उनका नाम ही हटा दिया गया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनका पुराना वोटर ID नंबर बदल दिया गया है. इस दावे को साबित करने के लिए उन्होंने ऑनलाइन सर्च के ज़रिए अपने पुराने ID नंबर का ज़िक्र भी किया.
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
इसके जवाब में, पटना सदर के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और दीघा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन अधिकारी ने तेजस्वी को पत्र भेजकर बताया कि जिस वोटर ID नंबर का उन्होंने उल्लेख किया, वह आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया है. उनसे आग्रह किया गया कि वे जांच के लिए वह कार्ड सौंपें.
ज़िला मजिस्ट्रेट त्यागराज एसएम ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी के पास जो वैध वोटर ID है, वह वही है जो उन्होंने 2020 विधानसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करते समय अपने हलफनामे में दिया था. अगर दूसरा कार्ड मौजूद है, तो उसकी पूरी जांच की जाएगी.
विपक्ष के दावे पर एनडीए का पलटवार
इस पूरे विवाद पर एनडीए के नेताओं ने तेजस्वी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. भाजपा के अजय आलोक, जदयू के नीरज कुमार, और लोजपा (रामविलास) के राजेश भट्ट ने सवाल उठाया कि क्या राहुल गांधी इस तरह की कथित "धोखाधड़ी" का समर्थन करते हैं. उन्होंने राहुल गांधी के उस बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के पास ऐसा "परमाणु बम" है जो यह साबित करता है कि चुनाव आयोग ने भाजपा के पक्ष में हेराफेरी की है. एनडीए नेताओं का कहना है कि विपक्ष हार के डर से चुनाव आयोग की निष्पक्षता को बदनाम करने की साजिश कर रहा है.


