असम के कार्बी आंगलोंग में हिंसा, 2 की मौत, 38 पुलिसकर्मी घायल
असम के कार्बी आंगलोंग ज़िले में ज़मीन का विवाद एक बार फिर संघर्ष और हिंसा में बदल गया है. यह ज़िला अचानक से भारी तनाव और आगजनी का केंद्र बन गया है, जिसमें दो नागरिकों की मौत हो गई और दर्जनों पुलिस अधिकारी घायल हो गए.

असम हिंसा: असम के कार्बी आंगलोंग और वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिलों में भूमि विवाद एक बार फिर सेषण संघर्ष और हिंसा की भेंट चढ़ गया है.जिला अचानक तनाव और आगजनी की भयानक घटनाओं का मैदान बन गया, जहाँ दो नागरिकों की मौत हो चुकी है और दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं.स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएँ निलंबित कर दी हैं और कड़ी निषेधाज्ञा लागू की है.
असम के पहाड़ी जिलों में लंबे समय से भूमि से जुड़े विवाद का मुद्दा फिर उभर कर सामने आया है, जिसका प्रभाव तेजी से हिंसात्मक रूप ले चुका है.मंगलवार को खेरोनी और आसपास के इलाकों में दो गुटों के बीच पत्थरबाजी, आगजनी और संघर्ष की घटनाएँ सामने आईं, जिसमें दो लोगों की जान चली गई और लगभग 45 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 38 पुलिसकर्मियों सहित कई नागरिक शामिल हैं.
भूमि विवाद बना हिंसा की बड़ी वजह
हिंसा की जड़ विलेज ग्रेजिंग रिज़र्व (VGR) तथा पेशेवर ग्रेजिंग रिज़र्व (PGR) के वहीं भूमि विवाद से जुड़ी मानी जा रही है, जो संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत संरक्षित है.स्थानीय आदिवासी समुदाय वर्षों से इन क्षेत्रों में कथित अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहा है.इस दौरान भूख हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारियों को जब पुलिस ने अस्पताल ले जाकर मेडिकल जांच कराई तो उसके बाद अफ़वाहों के फैलने से तनाव और भी बढ़ गया.
हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कार्बी आंगलोंग ऑटोनॉमस काउंसिल (KAAC) के प्रमुख तुलिराम रोंगहांग के पैतृक आवास को आग के हवाले कर दिया.साथ ही कई दुकानों, मोटरसाइकिलों और सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ भी की गई.प्रशासन की ओर से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का उपयोग किया, लेकिन तनाव कम नहीं हो पाया.
इंटरनेट बंद, धारा 163 लागू
सुरक्षा के मद्देनज़र प्रशासन ने दोनों हिंसा प्रभावित जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है ताकि अफवाहों, भड़काऊ संदेशों और गलत सूचनाओं के प्रसार को रोका जा सके.Voice कॉल और ब्रॉडबैंड सेवाएँ फिलहाल जारी रखी गई हैं.
भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू कर दी गई है, जिसके तहत पाँच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने, रैलियों और लाउडस्पीकर के उपयोग पर रोक लगा दी गई है.शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक आवाजाही पर प्रतिबंध भी लागू कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बयान
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि वह स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और शांति बहाल करने के लिए सभी संबंधित पक्षों से बातचीत जारी रखी जा रही है.अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है और घायल व्यक्तियों का इलाज जारी है.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद पुराना और जटिल है, जिसमें भूमि अधिकार, आदिवासी समुदायों की सुरक्षा और स्थानीय प्रशासन की भूमिकाएँ शामिल हैं.मामले को लेकर गुवाहाटी उच्च न्यायालय में भी विचार चल रहा है, जिससे इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान खोजने की कवायद जारी है.


