इंस्पेक्टर के दामाद को 13 गोलियां मारने वाला गैंगस्टर चढ़ा पुलिस हत्थे, तीन दिन रिमांड पर, अपराधी पर इतने लाख रुपए का था ईनाम
संधवान पुलिस के अनुसार मोबाइल टावर का प्रबंधन कर रहे ठेकेदार जयदेव ने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया। फिर भी, पीसीआर उनकी कोठरी के बाहर तैनात थी। जयदेव के अनुरोध पर पुलिस ने उन्हें रिवॉल्वर का लाइसेंस दे दिया। घटना के समय जयदेव के पास रिवॉल्वर भी थी।

पानीपत पुलिस ने शहर के सेक्टर 18 में 8 साल पहले दिनदहाड़े करनाल निवासी जयदेव की हत्या के मामले में वांछित एक गैंगस्टर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गैंगस्टर को अदालत में पेश किया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। इस अपराधी पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। जानकारी के अनुसार, जोगिंदर को शक था कि जयदेव ने उसके गैंगस्टर भाई सुरिंदर गियोंग के बारे में पुलिस को सूचना दी है। अप्रैल 2017 में पुलिस ने सुरिंदर का एनकाउंटर कर दिया था। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी सुरेंद्र ग्योंग से अपनी जान को खतरा बताते हुए उच्च न्यायालय से सुरक्षा की मांग की।
150 मीटर दूरी पर मारी थी गोली
जानकारी के अनुसार मधुबन में इंस्पेक्टर रहे जिले सिंह ने 30 दिसंबर 2017 को सेक्टर 18 में रिटायरमेंट पार्टी रखी थी। जिले सिंह ने अपने सांढू ओम प्रकाश और दामाद जयदेव शर्मा (28) को भी पार्टी में आमंत्रित किया था। जयदेव अपनी पत्नी सुशीला, चार वर्षीय बेटे कुणाल और ससुर ओमप्रकाश के साथ पार्टी में शामिल होने आए थे। दोपहर करीब तीन बजे हमलावरों ने जिले सिंह के घर से 150 मीटर दूर जयदेव को गोली मार दी। हमलावरों ने जयदेव के माथे, चेहरे, गर्दन, छाती और पेट पर 13 गोलियां चलाईं। जयदेव के पास उसकी लाइसेंसी पिस्तौल थी, लेकिन वह अपनी सुरक्षा के लिए उसे निकाल नहीं सका। पुलिस ने इस मामले में जोगिंदर, करनाल पार्षद भाग सिंह, उसके भाई सुशील व तीन-चार अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अपने भाई की हत्या का बदला लेना चाहता था गैंगस्टर
जयदेव शर्मा का नाम सुरेन्द्र ग्योंग एनकाउंटर के बाद सुर्खियों में आया था। जोगिंदर का मानना था कि सुरेंद्र के एनकाउंटर का कारण जयदेव ही था। सुरेन्द्र का गांव में जयदेव के घर आना-जाना था। सुरेंद्र की मौत के बाद जोगिंदर पैरोल पर बाहर आया था और अपने भाई की हत्या का बदला लेना चाहता था।


